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Tuesday, November 18, 2025
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    प्रेरणास्त्रोत : मां का प्रेम

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    पर तुम कैसे कह सकती हो कि मैं चक्रवर्ती सम्राट बनूंगा?’ मां ने कहा, ‘देख तेरे सामने के दांत पर नाग का चिह्न है।’ चाणक्य ने आईने में देखा तो मां की बात सही निकली।
    The more bitter words, the better

    जितने कड़वे बोल उतना अच्छा

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    लोकतंत्र हितों का टकराव ह...

    सतगुरू जी के प्यार की मिसाल

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    सतगरू हमेशा ही अपने शिष्य...
    Otherwise Rohingya will become incurable disease

    वरना लाइलाज बीमारी बन जाएंगे रोहिंग्या

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    भारत सरकार अवैध रूप से रह...
    China under the cover of Russia #China #Donald trump

    रूस की आड़ में चीन को साधने की कोशिश

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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्...
    Tales of migrant laborers

    प्रवासी मजदूरों की दास्तां

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    मई महीने में मौसम में बढ़ रही तपिश, रात को ठहरने का कोई प्रबंध न होना, भूखे पेट रहना मजबूत अर्थव्यवस्था जैसे आदर्शों की सफलता में बड़ी रुकावट है। केन्द्र व राज्य दोनों ही सरकारों को प्रवास से घर लौट रहे मजदूरों की पीड़ाजनक दास्तां देखनी व समझनी चाहिए, इनकी घर वापिसी को तेज, सुखद व सफल बनाना चाहिए।

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