खतरनाक मोड़ पर मध्य-पूर्व का संकट
जहां एक ओर सऊदी अरब और इजरायल अमेरिका का साथ देगे वहीं ईरान के साथ सीरिया, यमन और लेबनान मोर्चें पर आ डटेंगे।
आशंका यह भी है कि युद्ध के दौरान ईरान और उसके समर्थित संगठन अमेरिका और इजरायल के खिलाफ बड़े हमले कर सकते हैं।
ननकाना साहिब में आतंकवादियों का हंगामा
दोनों देशों के बीच टकराव के बावजूद दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने कॉरीडोर खोलने के समारोह में भाग लिया था। ऐसे निर्णय पाक में बैठे कट्टरपंथियों व आतंकवादियों को हजम होना, मुमकिन नहीं।
सीएए जैसे उपद्रवी मसलों पर न बनें फिल्में
मेरी हमेशा से कोशिश रही है कि मैं ऐसा करूं जिसमें जादुई छुअन हो। अपने काम के साथ न्याय कर सकूं।
आजकल आइटम गाना फिल्म का जरुरी हिस्सा बन गया है।
गैर जिम्मेवार हो विश्वसनीयता खो रहा मीडिया
पिछले माह पंजाब की एक प्रसिद्ध निजी यूनिवर्सिटी में किसी छात्रा के साथ दुराचार होने व पीड़िता के खुदकशी की अफवाह उड़ गई।
लेकिन किसी शव के बिना कैसे खबर चली कि किसी ने खुदकुशी की है?
प्रेरणास्त्रोत: स्वामी का उपदेश
मुक्ति का अर्थ है संपूर्ण स्वाधीनता शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के बंधनों से छुटकारा पा जाना। इसे समझना जरा कठित है।
लोहे की जंजीर भी एक जंजीर है और सोने की जंजीर भी एक जंजीर ही है।
कोटा में बच्चों की मौत से जुड़े सवाल
वैसे भी नवजात बच्चों की मृत्यु के मामले में भारत की स्थिति बहुत चिंताजनक है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में बाल मृत्यु-दर की स्थिति भयावह है।
2015 में 2.5 करोड़ बच्चों ने जन्म लिया था
प्रेरणास्रोत : एक अंग्रेज ने कहा
एक दिन महात्मा बुद्ध घने जंगल में होकर कहीं जा रहे थे। दूर से अंगुलिमार ने उन्हें देख लिया। वह आनन-फानन में जा पहुँचा, उनके पास आकर बोला, ‘‘साधु, जो कुछ भी तुम्हारे पास हो, उसे निकाल दो अन्यथा तुम्हारी जान की खैर नहीं।’’
स्वास्थ्य सेवाओं का निकला जनाजा
यही कारण है कि उपचार करवाने के लिए सरकारी अस्पताल की बजाए निजी अस्पतालों में लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। हालांकि कुछ ऐसे अधिकारी व कर्मचारी भी हैं जो ईमानदारी व निष्ठा भाव से ड्यूटी करते हैं, लेकिन चंद लोग व्यवस्था को नहीं बदल सकते। देश में मशीनरी या फंड की कमी नहीं।
हिन्दू शरणार्थियों के नरकीय जीवन के दोषी कौन?
हम लगभग 73 साल इन भेड़ियों के बीच कैसे रहे हैं, हम किस प्रकार के उत्पीड़न झेले हैं, हम किस प्रकार से प्रताड़ित हुए हैं, हमारे लाखों भाई-बहनों को किस प्रकार से अपने धर्म से विमुख होने के लिए मजबूर किया गया, अपने धर्म से विमुख होने से इनकार करने पर किस तरह से अंग-भंग किया गया, अस्मिता लूटी गयी
सार्थक प्रयासों से ही बचेंगी बेटियां
पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने बेटियों के वास्ते कई मुहिमें चलाई हैं जिनमें ‘कुल का क्राउन' के द्वारा रूढ़िवादी विचारधारा को बदलने का बीड़ा उठाया गया है। इस मुहिम के तहत अब बेटी से भी वंश चलने लगा है। आमतौर पर वंश चलाने का जिम्मा बेटों पर ही था।


























