प्रवासी मजदूरों की दास्तां
मई महीने में मौसम में बढ़ रही तपिश, रात को ठहरने का कोई प्रबंध न होना, भूखे पेट रहना मजबूत अर्थव्यवस्था जैसे आदर्शों की सफलता में बड़ी रुकावट है। केन्द्र व राज्य दोनों ही सरकारों को प्रवास से घर लौट रहे मजदूरों की पीड़ाजनक दास्तां देखनी व समझनी चाहिए, इनकी घर वापिसी को तेज, सुखद व सफल बनाना चाहिए।
अगर कोरोना एक युद्ध की शुरुआत है, तो भारत कितना तैयार है?
कोरोना वायरस के कारण, चीन में पश्चिमी देशों कंपनियों का कारोबार नाटकीय रूप से गिर गया जब दुनिया भर के स्टॉक एक्सचेंजों में इन कंपनियों के शेयर के भाव गिर गए तो उन्हें चीनियों द्वारा खरीद लिया गया।
जेएनयू: शिक्षा की आड़ में पनप रही देशविरोधी संस्कृति
जेएनयू छात्रों ने हिस्सा लिया।
इसके अलावा, इन तत्वों ने 2010 में दंतेवाडा में सीआरपीएफ के 74 जवानों की हत्या पर जश्न भी मनाया था।
दोहरे मापदंड न अपनाएं
बिहार में कोटा से विद्यार्थियों की वापिसी के लिए राजनीतिक जंग शुरू हो गई है। नि:संदेह यह प्रधानमंत्री के आदेशों, अपील और देश की आवश्यकताओं के विरुद्ध है। इस वक्त हजारों लोगों का इधर-उधर जाना खतरे से खाली नहीं। कोटा में रह रहे विद्यार्थियों और देश में कोरोना से मरने वाले लोगों को देखते हुए इस समय जगह न बदलने में ही भलाई है।


























