एलएसी मुद्दे पर चीनी विदेश मंत्री को भारत की दो टूक

India and China Border

सेनाओं को आमने-सामने से हटाने पर ही बनेगी बात

नई दिल्ली/बाली (एजेंसी)। भारत ने चीन से पूर्वी लद्दाख सीमावर्ती क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सेनाओं को आमने-सामने से हटाने को लेकर लंबित मुद्दों को तुरंत सुलझाने का आज आग्रह किया और कहा कि भारत चीन संबंधों में तीन प्रकार की परस्परता-परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता एवं पारस्परिक हितों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों के विदेशमंत्रियों की बैठक के इतर वीरवार को चीन के स्टेट काउंसलर एवं विदेश मंत्री वांग यी से भेंट की, जिसमें डॉ. जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर लंबित मुद्दों का त्वरित समाधान का आह्वान किया।

उन्होंने कुछ इलाकों में सेनाओं से आमने-सामने से हटाने के निर्णय के क्रियान्वयन का हवाला देते हुए सभी बकाया मोर्चों से सेनाओं की पूर्ण वापसी की जरूरत पर बल दिया ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम हो सके। डॉ. जयशंकर ने द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकॉलों तथा दोनों मंत्रियों के बीच पिछली वार्ताओं में बनी सहमति के पूर्णत: पालन की अहमियत पर बल दिया। इस संबंध में दोनों मंत्रियों ने कहा कि दोनों पक्षों के सैन्य एवं कूटनीतिक अधिकारियों को नियमित संपर्क में रहना चाहिए। उन्होंने अगले दौर की सीनियर कमांडर स्तर की बैठक किसी नजदीकी तिथि को बुलाने की अपेक्षा व्यक्त की। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत एवं चीन के संबंध तीन पारस्परिकताओं-परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता एवं पारस्परिक हितों का ध्यान रख कर सर्वश्रेष्ठ तरीके से आगे बढ़ सकते हैं।

डॉ. जयशंकर ने वांग यी ने मार्च में दिल्ली में हुई मुलाकात को याद किया और उसके बाद प्रमुख मुद्दों पर हुई प्रगति की समीक्षा की, जिसमें भारतीय छात्रों की चीन के शिक्षण संस्थानों में वापसी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारतीय छात्रों को वापसी की प्रक्रिया तेज होनी चाहिए। दोनों मंत्रियों ने अन्य क्षेत्रीय एवं वैश्विक गतिविधियों पर भी वैचारिक आदान प्रदान किया। वांग यी ने ब्रिक्स की चीन की अध्यक्षता में भारत के सहयोग की सराहना की और जी-20 और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की भारत की अध्यक्षता को चीन की ओर से पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने एक दूसरे के नियमित संपर्क में रहने पर भी सहमति जतायी।

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