भारतीय हॉकी टीम ने देशवासियों को दिया बड़ा तोहफा

भारत ने तीसरी बार जीता सुल्तान जोहोर कप | Sultan of Johor Cup

जोहोर (मलेशिया) (एजेंसी)। भारत ने सुल्तान जोहोर कप 2022 के रोमांचक फाइनल में आॅस्ट्रेलिया को 1-1 (शूटआउट 5-4) से हराकर तीसरी बार यह खिताब जीत लिया। मैच में आने से पहले आॅस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी था। आॅस्ट्रेलिया अब तक भारत के खिलाफ आठ मैच जीत चुकी थी जबकि भारत ने केवल पांच में बाजी मारी थी, लेकिन भारतीय युवाओं ने फाइनल में अंत तक प्रतिद्वंदी टीम को चुनौती दी और मुकाबले में विजयी उभरे। सुदीप चिरमाको ने 14वें मिनट में गोल करके भारत को शुरूआती बढ़त दिलाई, हालांकि दूसरे क्वार्टर में जैक हॉलैंड के गोल ने आॅस्ट्रेलिया को बराबरी पर ला दिया। पहला हाफ 1-1 पर समाप्त होने के बाद दूसरे हाफ में दोनों टीमों ने प्रयास किये लेकिन कोई भी गेंद को नेट तक नहीं पहुंचा सकी। निर्धारित समय में मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त होने के बाद मैच शूटआउट में पहुंचा जहां भारत ने 5-4 से बाजी मार ली। शूटआउट में विष्णुकांत सिंह, कप्तान उत्तम सिंह (दो), अंकित पाल और सुदीप ने भारत के लिये गोल किये। आॅस्ट्रेलिया के लिये लियाम हार्ट, ब्रूक्स जोशुआ, फॉस्टर ब्रोडी और बर्न्स कूपर ही गोल जमा सके।

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जूनियर चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पुरुष बने सुब्रमण्यन

युवा भारतीय शटलर शंकर मुथुसामी सुब्रमण्यन ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप 2022 के सेमीफाइनल में शनिवार को थाईलैंड के पनितचपोन तीरारतसकुल को 2-0 से हराकर टूनार्मेंट के फाइनल में कदम रखा। शंकर यहां 40 मिनट तक चले पुरुष एकल मुकाबले में तीरारतसकुल को 21-13, 21-15 से हराकर जूनियर चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पुरुष बन गये। इससे पहले सुब्रमण्यन ने क्वार्टरफाइनल में चीन के झे आन हू को मात दी थी। शंकर ने तीरारतसकुल के खिलाफ पहला गेम जीतने में सिर्फ 16 मिनट का समय लिया। ब्रेक तक मुकाबला बराबरी का रहा और शंकर सिर्फ 11-9 से आगे थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने थाई प्रतिद्वंदी को वापसी नहीं करने दी और जंप स्मैश से गेम जीत लिया।

दूसरा गेम 8-8 से बराबर होने के बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच 57 शॉट की रैली खेली गई, जिसके अंत में शंकर ने अपने प्रतिद्वंदी को कोर्ट के बाहर शॉट खेलने के लिये मजबूर किया। 12-18 से पिछड़ने के बाद थाई खिलाड़ी ने तीन लगातार पॉइंट स्कोर करके मैच को पलटना चाहा, लेकिन भारतीय शटलर ने ठोस डिफेंस के साथ मुकाबला 21-15 से जीतकर फाइनल में कदम रखा। साइना नेहवाल विश्व जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली इकलौती भारतीय शटलर हैं। उन्होंने 2006 में रजत पदक जीतने के बाद 2008 में स्वर्ण जीता था। यदि सुब्रमण्यन फाइनल मुकाबला जीत जाते हैं तो वह जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बन जाएंगे। इससे पहले सिरिल वर्मा 2015 में भारत के लिये पुरुष एकल का रजत जीत चुके हैं। भारत ने अब तक इस टूनार्मेंट में एक स्वर्ण, तीन रजत और पांच कांस्य पदक जीते हैं। विश्व जूनियर चैंपियनशिप 2018 में लक्ष्य सेन द्वारा जीता गया कांसे का तमगा इस प्रतियोगिता में भारत का आखिरी पदक था।

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