अन्नपूर्णा माउंट से गिरकर भारतीय पर्वतारोही अनुराग की मौत, बलजीत कौर लापता

6 हजार मीटर की ऊंचाई से गिरा था अजमेर का अनुराग

काठमांडू। (सच कहूँ न्यूज) मंगलवार को एक अभियान आयोजक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत की प्रमुख महिला पर्वतारोही 27 वर्षीय बलजीत कौर नेपाल के ‘माउंट अन्नपूर्णा’ के शिखर से उतरते समय ‘चौथे कैंप’ के पास से लापता हो गयीं। (Kathmandu News) उन्होंने बताया कि इससे ठीक एक दिन पहले एक अन्य भारतीय पर्वतारोही की 6000 मीटर की ऊंचाई से गिरने से मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि राजस्थान के किशनगढ़ निवासी अनुराग मालू सोमवार को अन्नपूर्णा पर्वत के तीसरे कैंप से उतरते समय लापता हो गए थे।

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नेपाली समाचार पत्र ‘द हिमालयन टाइम्स’ के अनुसार सोमवार को चौथे कैंप से नीचे उतरते समय 6000 मीटर की ऊंचाई से हिम दरार में गिरने से मालू की मौत हो गई। (Kathmandu News) बता दें कि पिछले साल मई में, हिमाचल प्रदेश की बलजीत कौर ने ‘माउंट ल्होत्से’ को फतह किया और एक ही मौसम में 8000 मीटर ऊंची चार चोटियों पर चढ़ने वाली पहली भारतीय पर्वतारोही बनीं।

‘पायनियर एडवेंचर’ के अध्यक्ष पसंग शेरपा ने जानकारी देते हुए बताया कि बलजीत कौर चौथे कैंप के पास से उस वक्त लापता हो गईं, जब वह जरूरी आॅक्सीजन का उपयोग किए बिना चोटी पर चढ़ने के बाद वहां से उतर रही थीं।

 पिछले साल माउंट अमा डबलाम पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की थी

सेवन समिट ट्रेक्स के अध्यक्ष मिंगमा शेरपा ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान के किशनगढ़ के 34 वर्षीय अनुराग मालू सोमवार सुबह कैंप-3 से उतरते समय लापता हो गए। वे पहाड़ों के बीच की दरार में गिरे थे। मालू ने पिछले साल ही नेपाल स्थित माउंट अमा डबलाम पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की थी। वे माउंट एवरेस्ट, अन्नपूर्णा और ल्होत्से पर चढ़ने की योजना बना रहे थे।

मालू कर्मवीर चक्र से भी सम्मानित हो चुके हैं। वह भारत से अंटार्कटिक यूथ एंबेसडर बने थे। मालू पर्वतारोहण के लिए प्रसिद्ध पर्वतारोही बछेंद्री पाल के स्टूडेंट थे।

सबसे खतरनाक पर्वतों में से एक माउंट अन्नपूर्णा

माउंट अन्नपूर्णा पर्वतारोहियों के लिए सबसे खतरनाक पर्वतों में से एक माना जाता है। मालू इस पर्वत पर चढ़ाई करने के लिए पहुंचे थे। उनको भारत से 2041 तक अंटार्कटिक यूथ का एंबेसडर बनाया गया था।

24 मार्च को पर्वतारोहण के लिए रवाना हुआ था अनुराग

किशनगढ़ के मायाबाजार के पास निवासी अनुराग के पिता ओमप्रकाश मालू ने बताया कि अनुराग 24 मार्च को पर्वतारोहण के लिए रवाना हुआ। किशनगढ़ से जयपुर और जयपुर से दिल्ली होते हुए काठमांडू गए थे। इसके बाद अनुराग ने पहाड़ पर चढ़ना शुरू किया था। उन्होंने बताया कि अनुराग ने बीटेक किया है। वह युवाओं की काउंसिलिंग भी करता रहता है। छोटा बाई आशीष सीए है।

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