लौट रहा कोरोना, भारत कितना तैयार

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कुछ देशों, विशेषकर चीन, में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश में महामारी की स्थिति तथा तैयारियों की समीक्षा की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोगों से अनुरोध किया है कि कोविड की रोकथाम के लिए आवश्यक व्यवहारों को अपनायें। इनमें भीड़ में मास्क लगाना और टीके की खुराक लेना शामिल हैं। कोरोना वायरस के नये रूपों पर निगरानी को भी सघन बनाया जा रहा है। इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दे दिए गए हैं। आज जब चीन, जापान इत्यादि देशों में नई लहर उठी है, तो बहुत से लोगों को पिछले साल का वह बुरा दौर याद आ रहा है।

अमेरिका से भी ऐसी रिपोर्ट भी आ रही है कि अगले साल अप्रैल तक दुनिया की एक बड़ी आबादी फिर संक्रमित हो सकती है और लाखों लोगों की मौत हो सकती है। वैसे ध्यान रहे कि दुनिया में अभी भी दो करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हैं, इनमें से आधिकारिक रूप से बात करें, तो सबसे ज्यादा 67 लाख लोग जापान में संक्रमण झेल रहे हैं, पर यह भी ध्यान रहे कि जापान की आबादी बुजुर्ग बहुल है। सबसे विकसित अमेरिका में ही अभी 19 लाख के करीब संक्रमित हैं। चीन अभी ईमानदारी से बता नहीं रहा है, उसके आधिकारिक आंकड़े पर किसी को यकीन नहीं है। वह अपने यहां महज 38 हजार के लगभग संक्रमित बता रहा है। यह अच्छा है कि चीन पर विश्वास न करते हुए दुनिया के अनेक देश अपनी ओर से सावधानी बरत रहे हैं।

देश में जो लोग एक ही खुराक लिये हैं, उन्हें तुरंत दूसरी खुराक लेनी चाहिए तथा जिन्होंने दो खुराक ले लिया है, उनको बूस्टर डोज ले लेनी चाहिए। सरकारी जानकारी के अनुसार, अभी तक केवल 27-28 प्रतिशत लोगों ने ही बूस्टर खुराक ली है। बीते ढाई वर्षों में संक्रमण की बड़ी लहरों के अलावा कुछ-कुछ इलाकों में संक्रमितों की संख्या में तीव्र वृद्धि के मुख्य कारण यही रहे थे कि लोगों ने समुचित सावधानी नहीं बरती और भीड़ में भी मास्क नहीं लगाया। यह भी देखा गया था कि कई लोगों ने संक्रमण के लक्षणों को अनदेखा कर दूसरों के संपर्क में आते रहे। जब उच्च स्तर पर समीक्षा हो रही है, तब यह भी जांच लेना चाहिए कि विगत महीनों में हमने अपने देश में चिकित्सा व्यवस्था को कितना सुधार लिया है। अस्पताल कितने तैयार हैं? कितने आॅक्सीजन प्लांट खड़े हो गए? दवाओं का इंतजाम कितना सुधर गया? क्या जरूरत पड़ने पर किसी दवा का अभाव अब नहीं होगा? सरकारों के साथ हर व्यक्ति को भी सतर्क रहना चाहिए।

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