मात्र 25 हफ्ते के बच्चे को मिला नवजीवन, परिजन हुए खुश

Baraut News

बडौत। कहते है डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं। आज इसी उक्ति को बडौत नगर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अभिनव तोमर ने चरित्रार्थ कर दिया। उन्होंने 25 हफ्ते के बच्चे को अपनी देखरेख में रखकर उसके अंगों का विकास कर उसे नवजीवन दिया, जिससे परिजनों ने गदगद होकर मिठाई खिलाकर डॉ का आभार व्यक्त किया। इतने कम समय की अवधि के बच्चे को पुनर्जीवन देना बहुत ही कठिन माना जाता है। मामला क्षेत्र के बछोड गांव का है। गांव के कुल्वेंद्र की पत्नी सविता को विषम परिस्थितियों के चलते 25 हफ्ते की गर्भावधि में बच्चा पैदा हो गया। Baraut News

इस अवधि में बच्चे के अंग भी विकसित नहीं हो पाए थे, जिसके कारण बच्चे के जीवित रहने की कोई संभावना नहीं थी। ऐसे में आस्था मल्टीस्पेसिलिटी हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अभिनव तोमर ने बच्चे के परिजनों को नई उम्मीद दी और हौसला बढ़ाते हुए बच्चे का उपचार प्रारम्भ कर दिया। इस दौरान उन्होंने बच्चे के कृत्रिम तरीके से अंगों का विकास किया और 105 दिनों तक अपने ऑब्जर्वेशन में रखकर उसके स्वास्थ्य में सुधार किया। रविवार को पूर्ण अवधि कर पूरी तरह से स्वस्थ होने पर बच्चे की छुट्टी कर परिजनों को सौंप दिया। बच्चे के स्वस्थ होने की खुशी में परिजन भी पूरी तरह से गदगद थे। Baraut News

बच्चे का वजन मात्र 700 ग्राम था

इस अवसर पर हॉस्पिटल को भी बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया था। बच्चे की छुट्टी होने पर परिजनों ने डॉ अभिनव तोमर को मिठाई खिलाकर उनका आभार व्यक्त किया। डॉ अभिनव तोमर ने बताया कि यह बच्चा 25 हफ्ते की अवधि के दौरान पैदा हो गया था और उसका वजन मात्र 700 ग्राम का था । जब यह बच्चा उनके पास आया तो न उसके फेफड़े काम कर रहे थे न ही हाथ-पैर या अन्य अंगों का विकास हुआ था। Baraut News

उन्होंने बताया कि यह बच्चा उनके लिए एक चैलेंज था और उससे भी बड़ा चैलेंज उसके माता पिता को समझाना था कि यह बच्चा जीवित रह सकता है। इसके लिए उन्होंने अपनी जी जान से मेहनत की और लगभग साढ़े तीन महीने तक बच्चे का उपचार किया जिसके परिणाम स्वरूप बच्चा आज हंसते खेलते अपने माता पिता के साथ घर चला गया।

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