जानें, कल्याण सिंह ने 6 दिसम्बर 1992 को क्यों दिया था इस्तीफा?

Statement: The demolition of Babri Masjid is not a conspiracy, it is the result of suppressing the sentiments of crores of Hindus: Kalyan Singh

रामराज्य की परिकल्पना के साथ कल्याण ने किया था एसटीएफ का गठन

लखनऊ (एजेंसी)। कोमल हृदय मगर राजनीति में शुचिता बरकरार रखने के लिये कठिन फैसले लेने में तनिक भी देर नहीं करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिवंगत नेता कल्याण सिंह ने अपने मुख्यमंंत्रित्व काल में उत्तर प्रदेश में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन कर राज्य में कानून व्यवस्था के खिलाफ खिलवाड़ करने वालों को सख्त संदेश दिया था। वर्ष 1991 में प्रदेश में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर सिंह ने अपने करीब डेढ़ वर्ष के संक्षिप्त कार्यकाल में 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी विध्वंस के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरसिंहराव ने उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया था। अपने दूसरे कार्यकाल में श्री सिंह ने 21 सितम्बर 1997 को शपथ ग्रहण करने के बाद चार मई 1998 को एसटीएफ का गठन कराया और उसे पहला टास्क आतंक का पर्याय बने गोरखपुर के दुर्दांत माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला की दहशत को खत्म करने का दिया था। सिंह के इस निर्णय की परिणाम जल्द सामने आया जब 22 सितंबर 1998 में गाजियाबाद में एसटीएफ ने एक मुठभेड़ में श्रीप्रकाश शुक्ला को मार गिराया। नब्बे के दशक में श्रीप्रकाश का आतंक यूपी के अलावा पड़ोसी राज्य बिहार में भी था।

एसटीएफ की यह मुहिम आज भी जारी

इसके बाद एसटीएफ ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और एक के बाद एक कई माफियाओं और दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर प्रदेश में शांति का माहौल बनाने में अहम योगदान दिया। एसटीएफ की यह मुहिम आज भी जारी है जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने बताया कि श्रीप्रकाश के खात्मे के बाद एसटीएफ ने निर्भय गुर्जर, ददुआ, ठोकिया जैसे तमाम अपराधियों का सफाया किया।

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