India Pakistan News: आतंकवाद से निपटने के लिए पत्रकारिता धर्म निभाएं मीडिया

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India Pakistan News: आतंकवाद से निपटने के लिए पत्रकारिता धर्म निभाएं मीडिया

कंफर्म समाचार ही दिखाए, बचाव के तरीकों की भी चर्चा करें

डॉ. संदीप सिंहमार। India Pakistan News: जब भी कोई आतंकवादी घटना या देश के लिए गंभीर संकट उत्पन्न होता है, उस समय पत्रकारों और साहित्यकारों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। इस स्थिति में उनका पहला कर्तव्य यह होता है कि वे सकारात्मकता का संचार करें और देश के प्रति अपने पत्रकारिता धर्म को निभाएं। वास्तव में, जब समाज कठिनाइयों का सामना कर रहा होता है, तब पत्रकारिता का संदेश आम जनता के मनोबल को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होता है। समाज में सूचना के माध्यम से संवाद स्थापित करने का कार्य पत्रकारिता का है। किसी भी कठिन समय में आम नागरिक को सही और तथ्यात्मक जानकारी की आवश्यकता होती है। इस कठिनाई के समय में यदि मीडिया नकारात्मक खबरों का राष्ट्…

वर्तमान डिजिटल युग में सोशल मीडिया ने सूचना के प्रसार को अभूतपूर्व गति दी है। जहाँ एक ओर यह समाचारों और विचारों का आदान-प्रदान करने का एक सरल माध्यम है, वहीं दूसरी ओर इसे कृत्रिम समाचारों (फेक न्यूज) के प्रसार का भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। ऐसे में, सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले कृत्रिम समाचारों पर ध्यान नहीं देना और फैक्ट चेक करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। India Pakistan News

कृत्रिम समाचारों का प्रसार कई वजहों से हो रहा है, जैसे सूचना का त्वरित वितरण, आकर्षक हेडलाइन्स, और कभी-कभी व्यक्तिगत या राजनीतिक लाभ। ये नकली खबरें न केवल भ्रम फैलाती हैं, बल्कि समाज में गलतफहमियाँ और नकारात्मकता भी उत्पन्न करती हैं। इसलिए, किसी भी बड़े समाचार की सत्यता की जांच करना हर नागरिक का कर्तव्य बन जाता है।

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) जैसे संगठनों का महत्व इस संदर्भ में अत्यधिक बढ़ जाता है। PIB, भारत सरकार का एक आधिकारिक अंग है, जो सही और प्रामाणिक समाचारों का स्रोत है। जब भी किसी ऐसे समाचार का सामना होता है, जिसे लेकर संशय है, तब उसे PIB की वेबसाइट या ईमेल के माध्यम से पुष्टि करना एक समझदारी भरा कदम होता है।

इस प्रकार, सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले कृत्रिम समाचारों के प्रति सजग रहकर और फैक्ट चेक करके हम अपने समाज में सतही सूचना के फैलाव को रोक सकते हैं। यह न केवल हमारी व्यक्तिगत समझ को सशक्त बनाता है, बल्कि समाज में जानकारी के स्तर को भी ऊँचा उठाता है। इस दिशा में जागरूकता फैलाना और सही जानकारी के स्रोतों का सहारा लेना, सभी के लिए आवश्यक है। सूचना के इस युग में, हमें सच्चाई और सत्यता का मूल्य समझना होगा। केवल तब ही हम एक सूचित और सशक्त समाज का निर्माण कर सकेंगे, जहाँ भ्रांतियों का स्थान सत्यता ले सके।

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