मॉनसून सत्र : किशोर न्याय विधेयक हंगामे के बीच पारित

Monsoon session of Parliament sachkahoon
Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। राज्यसभा ने किशोर न्याय से संबंधित संशोधन विधेयक को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच आज बिना चर्चा के ही पारित कर दिया जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले भी विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले बारह बजे, दो बजे और फिर पौने तीन बजे तक स्थगित की गयी थी। किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण ) संशोधन विधेयक 2021 को लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है और आज राज्यसभा द्वारा इसे पारित करने के साथ ही इस पर संसद की मुहर लग गई।

स्थगन के बाद पौने तीन बजे जब सदन की कार्यवाही पुन: शुरू की गयी तो पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानूनों के विरोध में सदन को नहीं चलने दे रहे विपक्षी सदस्यों ने आसन के अनुरोध और अपील के बावजूद विधेयक पर चर्चा में हिस्सा नहीं लिया जिसके बाद सदन ने बिना चर्चा के ही विधेयक को पारित ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले उप सभापति ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि यदि वह विधेयक पर मत विभाजन चाहते हैं तो उन्हें अपनी जगहों पर लौटकर सदन में व्यवस्था कायम करनी होगी। विपक्षी सदस्यों पर उनकी बात का असर नहीं हुआ तो उन्होंने शोर के बीच ही विधेयक पारित कराने की प्रक्रिया पूरी कर दी।

रास दिन भर के लिए स्थगित

उप सभापति भुवनेश्वर कलिता ने विपक्ष के अनेक सदस्यों का चर्चा में हिस्सा लेने के लिए नाम पुकारा लेकिन सदस्यों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस की फौजिया खान ने उनका नाम पुकारे जाने पर कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा है कि राष्ट्र को बच्चों के हितों के संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए लेकिन यहां तो राष्ट्र को ही संरक्षण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा कराया जाना जरूरी है। विधेयक पारित होने के बाद भी सदन में अव्यवस्था का माहौल देखते हुए उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

 

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