स्पेशल ट्रेनों के नाम पर यात्रियों से वसूला जा रहा है अधिक किराया

Special Trains Fare Recovery

कम दूरी की यात्रा पर भी चुकानी पड़ रही है ज्यादा कीमत

कुलदीप गोयल
श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। कोरोना काल की आपदा को अवसर में बदलने और लोगों की जेब ढीली करके उनसे वसूली करने का गुर कोई रेलवे प्रशासन से सीखे। यह बात इसलिए कही जा रही है कि कोरोना काल में बंद हुई ट्रेनें अब धीरे-धीरे चलनी शुरू हो गई है। परंतु सभी ट्रेनों को स्पेशल ट्रेनों के रूप में रेलवे चला रहा है और सभी ट्रेनो में यात्रियों से अलग-अलग मनमाना किराया वसूला जा रहा है। वहीं, सुविधाओं के नाम पर रेलवे की ओर से कुछ भी प्रदान नहीं किया जा रहा है। बावजूद यात्री ट्रेनों में सफर करने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि आखिर क्यों रेलवे ट्रेनों को स्पेशल के तौर पर चला रहा है और यात्रियों से क्यों अधिक किराये की वसूली की जा रही है, जबकि कोरोना काल के चलते देश के सभी लोगों की स्थिति खराब हुई है।

स्पेशल ट्रेनों में एक घंटा पहले बंद हो जाती है बुकिंग

स्पेशल ट्रेनों में यात्रियों को एक घंटा पहले तक बुकिंग करवानी होती है। उदहारण के तौर पर श्रीगंगानगर से सादुलशहर तक की यात्रा के लिए कोटा श्रीगंगानगर एक्सप्रेस में यात्री को एक से डेढ़ घंटा पहले स्टेशन पर आ कर फÞार्म भरकर बुकिंग करवानी होगी अन्यथा उसे बसों में सफर करना होगा। यही नहीं पहले इस ट्रेन का किराया श्रीगंगानगर से सादुलशहर पैंतालीस रुपये वसूला जाता था लेकिन कोरोना के नाम पर स्पेशल ट्रेन के अनुसार इसका किराया साठ रुपये कर दिया गया है। यदि यात्री इस ट्रेन में टिकट आॅनलाइन बुक करेगा तो उसे लगभग नब्बे रुपये वहन करने पड़ते हैं।

मासिक सीजन टिकट शुरू करने की मांग

रेल विभाग धीरे धीरे ट्रेनों को शुरू कर रहा है लेकिन अभी तक मासिक सीजन टिकट की शुरुआत नहीं की गयी है। यदि श्रीगंगानगर से सादुलशहर की बात करें तो कोरोना से पहले यात्री गाडी के लिए दौ सौ रुपये और एक्सप्रेस गाडी के लिए चार सौ अस्सी रुपये में मासिक सीजन टिकट उपलब्ध था लेकिन अब स्पेशल ट्रेन के नाम पर एक दिन में ही इतना किराया यात्री को वहन करना पड़ता है। दैनिक रेल यात्रियों ने मासिक सीजन टिकट शुरू करने की मांग की है।

साधारण यात्री गाड़िया शुरू करने की मांग

अभी तक रेल विभाग लम्बी दूरी की रेलों को ही प्राथमिकता से शुरू कर रहा है। यात्रियों ने साधारण यात्री गाड़ियां शुरू करने की मांग की है ताकि बसों कि भीड़ भाड़ से छुटकारा मिल सके साथ ही साथ कम समय में सफर उपलब्ध हो सके। श्रीगंगानगर में आसपास के कस्बो से प्रतिदिन हजारो दैनिक यात्री पहुँचते हैं लेकिन साधारण गाड़ियां शुरू नहीं होने के चलते उन्हें अधिक किराया देकर बसों में सफर करना पड़ता है।

सुविधाओं में कर दी कमी

स्पेशल ट्रेन चलाये जाने के कारण यात्रियों को 100 से लेकर 800 रुपये तक अधिक किराया का भुगतान करना पड़ रहा है। जबकि सुविधाएं पहले से कम कर यात्रियों को बेडशीट और कंबल भी नहीं मिल रही है। ट्रेनों में पैन्ट्री कार की सुविधा भी बंद कर दी गयी है। इसके पीछे रेलवे के अधिकारियों का तर्क यह है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बेडशीट, कंबल व भोजन सहित अन्य सुविधाओं को बंद कर दिया गया है। इलाके के सांसंद निहालचंद के अनुसार आगामी रेल बोर्ड की बैठक में वे यह मुद्दा उठाएंगे। उन्होंने कहा कि बंद पड़ी सभी रेलों को धीरे धीरे शुरू करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं। साधारण यात्री गाड़ियों को भी जल्द से जल्द साधारण किराए सहित शुरू करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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