महांशहीद की स्मृति में हुई नामचर्चा में उमड़ी साध-संगत

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महांशहीद भगवानदास इन्सां की शहादत को सलाम| MahaSahid Bhagwandas

पीलीबंगा (मंजू इन्सां)। महांशहीद भगवानदास ( MahaSahid Bhagwandas) इन्सां ने अपने सतगुरू व धार्मिक आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनका नाम डेरा सच्चा सौदा के इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर दर्ज रहेगा। धन्य है वो मां जिन्होंने ऐसे शूरवीर को जन्म देकर अपनी कोख की लाज रखी। स्थानीय नामचर्चाघर में वीरवार को महांशहीद भगवानदास इन्सां की स्मृति में हुई ब्लॉकस्तरीय नामचर्चा में राजस्थान की 45 सदस्यीय कमेटी के रणजीत सिंह इन्सां ने यह बात कही। 45 सदस्यीय कमेटी के हरचरणसिंह इन्सां ने कहा कि महांशहीद भगवानदास जैसे बिरले ही शूरवीर होते हैं जो अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए मुर्शिदे कामिल की आन बान व शान के लिए अपना बलिदान कर देते हैं।

सतगुरू के प्रति अपना दृढ़ विश्वास|MahaSahid Bhagwandas

उन्होंने कहा कि महांशहीद का परिवार धन्य है जिन्होंने सतगुरू के प्रति अपना दृढ़ विश्वास बनाया। सेवादार गुरजंट सिंह ने कहा कि महांशहीद भगवानदास मरकर भी जिंदा है क्योंकि उसने स्वयं के लिए नहीं बल्कि डेरा सच्चा सौदा व गुरू की खातिर अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि गुरू के लिए महांशहीद भगवानदास ने महाकाल की त्रिलोकी को भी ठुकरा दिया। सलाम है ऐसे शूरवीर को। पालिकाध्यक्ष राजकुमार फण्डा ने भगवानदास इन्सां की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए दुख की घड़ी में मालिक से परिजनों को इस असहनीय क्षति को सहन करने की क्षमता प्रदान करने की प्रार्थना की। ब्लॉक भंगीदास सतीश मित्तल इन्सां ने बताया कि 19 अगस्त को श्री गुरूसर मोडिया स्थित खेल स्टेडियम में पूज्य गुरु पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में भंडारा होगा। भंडारे का समय दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक रहेगा।

महांशहीद भगवानदास इन्सां तेरा नाम रहेगा के उद्घोष से वातावरण वातावरण हुआ गुंजयमान|MahaSahid Bhagwandas

उन्होंने साध-संगत से भंडारे में आवश्यक रूप से शामिल होकर जीवन का लाभ लेने का संदेश दिया। नामचर्चा में जब तक सूरज चांद रहेगा महांशहीद भगवानदास इन्सां तेरा नाम रहेगा के उद्घोष से वातावरण गुंजायमान हो गया। नामचर्चा में परिजनों की ओर से पांच जरूरतमंद परिवारों को राशन वितरण किया गया। इससे पूर्व हुई नामचर्चा में कविराज मोमनराम इन्सां, जम्मू इन्सां, रामदास निराला, आशीष इन्सां, पूर्व सरपंच अजमेरसिंह इन्सां, कुलवीर सिंह इन्सां, सोनू इन्सां, सिंगारा सिंह अबोहर, रज्जीराम इन्सां, गुरचरण सिंह इन्सां, मगनदास इन्सां, पोलासिंह आदि ने भजनों व कव्वालियों के माध्यम से सतगुरू की महिमा का बखान किया।  नामचर्चा में महांशहीद भगवानदास इन्सां की धर्मपत्नि गायत्री देवी इन्सां, पुत्र गुरप्रीत इन्सां, गुरदात इन्सां, पुत्री सीमा इन्सां, उषा इन्सां, अशोक इन्सां, अमृतलाल, पवन कुमार, नरेन्द्र इन्सां, रिम्पी इन्सां, पुत्रवधु रेणु इन्सां, 15 सदस्यीय कमेटी पूर्व सदस्य फकीरचंद इन्सां, 45 सदस्यीय कमेटी के सम्पूर्णसिंह, प्रगटसिंह, सुमन कुमार, गोपाल बंसल, हरमेल सिंह, राजेन्द्र इन्सां, 7 सदस्यीय कमेटी के भगवानदास इन्सां, टहलसिंह, संदीप इन्सां, जगजीतसिंह रमाणा, तेजासिंह डबली राठान, जगसीर इन्सां, बलवंत इन्सां, जीतसिंह इन्सां, सुजान बहिनें तथा बड़ी तादाद में डेरा अनुयायी मौजूद थे। नामचर्चा से पूर्व परिजनों व साध-संगत ने महांशहीद भगवानदास इन्सां के चित्र के सामने श्रद्धासुमन अर्पित किए। नामचर्चा का संयोजन सतीश मित्तल ने किया।

 

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