नवजात को 24 घंटे में तीनों डोज देना अनिवार्य, वरना होगा जुर्माना

हिदायतें: बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए टीके जरूरी

  • आंगनवाड़ी सेंटरों के माध्यम से टीकों बारे गर्भवती महिलाओं को दें सूचना

धमतान साहिब (कुलदीप नैन)। अमित कुमार ने जिला में संचालित सभी सरकारी तथा गैर सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों, डिलिवरी हट व अन्य संस्था जहां पर महिलाओं की डिलिवरी करवाई जाती है, टीकाकरण कार्यक्रम के तहत नवजात बच्चे को 24 घंटे के भीतर हैपेटाईटस बी,ओरल पोलियो वैक्सीन तथा बीसीजी की डोज देना एक जनवरी 2023 से अनिवार्य किया गया है। ऐसा न करने पर संस्था को 500 रुपये प्रति बच्चा जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया गया है। इस मौके पर डॉ नवनीत सिंह, डॉ. पाले राम कटारिया, डॉ. अरूण कुमार तथा एनआईए के सदस्य, पीओआईसीडीएस तथा संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे सभी आंगनवाड़ी सेंटरों के माध्यम से इन टीकों बारे गर्भवती महिलाओं को सूचना दें। उन्होंने जिला में संचालित सभी इंट भट्टों के मालिक, हैचरी व अन्य ऐसी जगह जहां पर प्रवासी मजदूर रह रहें हो, को आह्वान किया कि वे यहां रह रही गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में करवाने के लिए प्रेरित करें ताकि कोई भी नवजात बच्चा यह तीनों डोज के बिना वंचित न रहें।

सिविल सर्जन डॉ मंंजू कादयान ने बताया कि टीकाकरण, शिशु को गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है। बाल चिकित्सकों की सलाह है कि बच्चों को बचपन की सबसे आम और खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित करने के लिए टीके लगवाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि शिशु और छोटे बच्चों को विशेषतौर पर इन बीमारियों का खतरा होता है। यही कारण है कि टीकाकरण जन्म के समय से ही शुरू हो जाता है और डॉक्टर से शिशु का चेकअप करवाने का ये सबसे जरुरी कारण होते हैं। नवजात को जन्म के 24 घंटे के अंदर दी जाने वाली यह जरूरी डोज एक जनवरी 2023 से टीकाकरण कार्यक्रम के तहत शिशु को नियमित तौर पर डिलिवरी संस्था द्वारा दी जाएगी। ऐसा न करने पर संस्था को 500 रुपए प्रति बच्चा जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।

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