स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर ने बच्चों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। ऐसे में हालात की गंभीरता को समझते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ज्यादातर बच्चों की देखभाल और इलाज घर पर ही करने की सलाह दी है। मंत्रालय की ओर से कोरोना के लक्षण मिलने या कोरोना संक्रमण की चपेट में आने पर बच्चों की देखभाल के संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि बच्चों में या तो संक्रमण के लक्षण दिखते ही नहीं हैं, अगर दिखते भी हैं तो वे बहुत कम।
यह भी पढ़े – जानें, कोरोना से बचाव के लिए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का संदेश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिन संक्रमित बच्चों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, उनकी घर पर ही देखभाल करें। ऐसे बच्चों के संक्रमित होने का पता तभी चलता है जब घर में किसी कोई संक्रमित होता है और पूरे परिवार की जांच होती है। ऐसे बच्चों में कुछ दिन बीतने के बाद नाक बहना, गले में खराश, खांसी होना आदि। कुछ बच्चों को पेट खराब होने की समस्या भी हो सकती है। ऐसे बच्चों का घर पर ही इलाज किया जा सकता है, बस इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें अलग कमरे में आइसोलेट रखें। वहीं बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर ही पेरासिटामोल दें। इसके साथ ही जिन बच्चों में लक्षण नहीं दिखते उनके आॅक्सीजन लेवल पर निगाह जरूर रखें। यदि आॅक्सीजन लेवर 94 फीसदी से नीचे जाने लगे तो डॉक्टर का मशवरा जरूर लें।
सामान्य लक्षण
- बुखार
- नाक बहना
- गंध न आना
- पेट खराब होना
- खांसी
- सांस लेने में परेशानी
- थकावट
- गले में खराश
- मांसपेशियों में दर्द
हल्क लक्षण तो ऐसे करें देखभाल
- आइसोलेशन : बच्चे को घर पर अलग कमरे में आइसोलेट करें, ताकि परिवार के अन्य सदस्य संक्रमण से बचे रह सकें।
- बुखार : पेरासिटामोल 10-15 एमजी/केजी/डोज यानि बच्चे के वजन से 10-15 एमजी गुणा करके पेरासिटामोल दें; डोज 4 से 6 घंटे में रिपीट कर सकते हैं।
- डाइट : बच्चों के शरीर में पानी की सही मात्रा बनाए रखने के लिए नारियल पानी, दाल का पानी, फलों के जूस सहित पौष्टिक और आसानी से पचने वाला खाना दें।
- इमरजेंसी : यदि बच्चे की हालत बिगड़ने लगे या आॅक्सीजन लेवल घटने लगे तो फौरन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे।
बच्चों में मल्टी-सिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम के लक्षण
- बुखार
- पेट दर्द
- उल्टी
- दस्त
- गर्दन में दर्द
- चकत्ते
- लाल आँखें
- बहुत ज्यादा थकान
(स्रोत : सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल, अमेरिका)
ये लक्षण दिखें तो तुरंत ले जाएं अस्पताल
- सांस लेने में तकलीफ
- सीने में दर्द या दबाव, जो दूर न हो रहा हो।
- नई तरह की उलझन
- सोने के बाद जाग न पाना या जागते रहने में असमर्थता
- त्वचा, होंठ, या नाखूनों का पीला, धूसर (ग्रे) या नीले रंग का होना
- पेट में गंभीर दर्द
(स्रोत : सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल, अमेरिका)
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।