अब सरकारी स्कूलों में भी महकेगी बालवाटिका

Bal Vatika

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: मुफ्त में मिलेंगी किताबें, वर्दी और बैग

  • जिले के 286 सरकारी प्राइमरी स्कूलों में नौनिहालों को मिलेगा प्रवेश

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (Rashtriya Shiksha Niti) को अमलीजामा पहनाने की शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। एनईपी तहत प्रदेशभर के स्कूलों में बाल वाटिका शुरू की जा रही हैं। जिसमें खेल आधारित शिक्षा होंगी। ये बाल वाटिका प्राइमरी स्कूलों में शुरू होगी और यहां पर निजी विद्यालयों या प्ले स्कूलों की तर्ज पर नर्सरी कक्षा यानि पहली कक्षा से पहले की कक्षा शुरू होगी। इसके लिए जिले के 286 प्राइमरी स्कूलों का चयन किया गया है।

क्यूं बाल वाटिका शुरू करने की पड़ी जरूरत

दरअसल पहले सरकारी स्कूलों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। बच्चों को पहली कक्षा में ही दाखिला मिलता था। इसके लिए बच्चे की उम्र साढ़े पांच साल होना अनिवार्य है। मगर स्कूलों में बच्चों के साथ छोटे बच्चे भी काफी संख्या में आते हैं। ऐसे बच्चे अपनी उम्र कम होने के कारण सरकारी स्कूलों में दाखिले से वंचित रह जाते थे। इसी वजह से वह बच्चे बाद में निजी स्कूलों में दाखिला ले लेते थे। यह देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है, ताकि कोई भी बच्चा दाखिले से वंचित नहीं रहे। इसके लिए यह बाल वाटिका ऐसी व्यवस्था की है, ताकि पहली कक्षा से पहले प्री नर्सरी बनाए जाए। इसमें कम उम्र के बच्चों को दाखिला मिल सकें और उनकी पढ़ाई निरंतर जारी रहे।

चार स्टेजों में मिलेगी शिक्षा

सर्वप्रथम फाउंडेशन स्टेज होगी, जिसमें 3 से 8 साल के बच्चों को लिया गया है। इनमें दो साल तक आंगनबाड़ी और एक साल बालवाटिका तथा दो साल पहली कक्षा व दूसरी कक्षा को लिया गया है। यानी कुल पांच साल फाउंडेशन स्टेज में शामिल किए गए है। इस स्टेज का मुख्य मकसद बच्चों के भाषा कौशल और शिक्षण के विकास पर ध्यान देना होगा। दूसरी स्टेज प्रीपेटरी स्टेज होगी। जिसमें 8 साल से लेकर 11 साल तक के बच्चों को शामिल किया है। इसमें कक्षा 3 से लेकर 5 तक के बच्चे सम्मिलित होंगे।

शिक्षकों का उद्देश्य प्रीपेडरी स्टेज में बच्चों के अंदर भाषा और संख्यात्मक कौशल विकसित करना है तथा इस दौरान विद्यार्थियों को उनकी क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा। (Rashtriya Shiksha Niti) तीसरी स्टेज है मिडिल स्टेज, जिसमें कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चे आएंगे। कक्षा 6 से बच्चों को कोडिंग की शिक्षा दी जाएगी और उन्हें व्यवसाय परीक्षण के साथ-साथ इंटर्नशिप का भी मौका दिया जाएगा। अंतिम व चौथी सेकेंडरी स्टेज होगी। जिसमें कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक के बच्चे आएंगे। पहले छात्र या छात्राएं साइंस कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम लेते थे। लेकिन अब इसको समाप्त कर दिया गया है। अब छात्र या छात्राएं अपनी इच्छा से सब्जेक्ट को चुन सकते हैं जैसे कि साइंस स्ट्रीम के साथ बच्चा कॉमर्स या फि र कॉमर्स के साथ बच्चा आर्ट्स स्ट्रीम भी ले सकता है।

जिले के प्राइमरी स्कूलों में बालवाटिका प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। जिसके तहत जिले के करीब 286 प्राइमरी स्कूलों में पहली कक्षा से पूर्व छोटे बच्चों की नर्सरी या प्री नर्सरी कक्षाएं लगेगी। यह सरकार का सराहनीय प्रयास है।
                                                                              – बूटाराम, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सरसा।

किस खंड में कितने स्कूलों में बनेगी बालवाटिका

बड़ागुढां में 35, डबवाली में 51, ऐलनाबाद में 19, नाथूसरी चौपटा में 35, ओढां में 36, रानियां में 71, सरसा में 39 को मिलाकर कुल 286 बनते हैं।

साढ़े चार घंटे होगी पढ़ाई

बाल वाटिका में 25 छात्रों पर एक शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा बाल वाटिका में पढ़ने वाले छात्र क्लास में अपने छोटे भाई-बहनों को भी ला सकते हैं। यहां क्लास का समय साढ़े चार घंटे होगा। इसके अलावा बच्चों के भोजन की व्यवस्था स्कूलों में ही की जाएगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को स्टेशनरी, बैग्स, किताबें आदि मुफ्त दिए जाएंगे। एनसीईआरटी द्वारा बाल वाटिका में आने वाले बच्चों को जादुई पिटारा पर विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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