अब शमशान घाट में अंत्येष्टि के लिए लकड़ियों की भी कमी

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बदहाल सरकारी व्यवस्था में आखिर पूरा है क्या ?

  • मानवता के नाते एचएयू ने नगर निगम को सौंपी 200 क्विंटल सूखी लकड़ी

सच कहूँ/संदीप सिंहमार, हिसार। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान होम आइसोलेशन के मरीजों से लेकर अस्पतालों में उपचाराधीन मरीज़ तो बीमार सरकारी व्यवस्थाओं के लगातार शिकार हो ही रहे हैं। अब शमशान घाटों में अंत्येष्टि में भी परेशानी आने लगी है। हालांकि अब तक हरियाणा में ऐसी कंडीशन नहीं बनी थी लेकिन अब शमशान घाटों में कोविड से जान गवाने वालों को सूखी लकड़ियां भी नसीब होनी मुश्किल होती जा रही है। ऐसी स्थिति में हिसार नगर निगम ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से मदद मांगी है।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने सामाजिक दायित्व के नाते कदम बढ़ाते हुए कोरोना महामारी के दौरान मृतकों की अंत्येष्टि के लिए नगर निगम को 200 क्विंटल सूखी लकड़ी भेंट की हैं। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय की ओर से तीन ट्राली सूखी लकडिय़ां नगर निगम के माध्यम से शमशान घाट में भिजवा दी गई हैं और भविष्य में भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

भू-दृश्य सरंचना इकाई के अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने वर्तमान में फैली वैश्विक कोरोना महामारी के चलते जरूरतमंद लोगों की समस्या का संज्ञान लेते हुए उनकी मदद के लिए यह फैसला लिया है। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में जहां-जहां सूखी लकडिय़ां उपलब्ध हैं,उनको एकत्रित कर और कटवाकर शमशान घाट में भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ये सूखी लकडिय़ां जरूरतमंद परिवारों को अपने परिजनों की अंत्येष्टि के लिए काम आ सकेंगी और मानवता की भलाई में हमारा सहयोग हो सकेगा।

आमतौर पर बोली लगाकर बेचीं जाती थी लकड़ियां

आमतौर पर विश्वविद्यालय की ओर से सूखी लकडिय़ों की बोली लगाकर बेचा जाता है,लेकिन इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन्हें बेचने की बजाय दान करने का फैसला लिया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने कोरोना महामारी के चलते जिले के छह गांवों को भी गोद लिया है,जिनमें कोरोना पीडि़तों को नि:शुल्क कोरोना बीमारी की दवाइयों की किट प्रदान की जा रही हैं।

साथ ही समय-समय पर विश्वविद्यालय परिसर व कृषि विज्ञान केंद्रों में टीकाकरण कैंप,जरूरतमंद कोरोना पीडि़तों को खाने की व्यवस्था,ऑक्सीजन की सुविधा, बेड एम्बुलेंस आदि की सहायता की जा रही है। भविष्य में भी इस प्रकार के सामाजिक सरोकार के कार्य जारी रहेंगे।

कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले गरीब मरीजों की अंत्येष्टि के लिए शमशान घाट को 200 क्विंटल सूखी लकड़ी सौंपी गई। इसलिए इस महामारी के दौरान जान गंवाने वालों के लिए एक मदद होगी।

बी.आर.काम्बोज कुलपति चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार

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