Barnawa LIVE: लो जी साध-संगत जी पूज्य गुरु आ गए स्टेज पर, लूट लो नजारें

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बरनावा (सोनू)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने यूटयूब चैनल पर लाइव आकर साध-संगत को दर्शन दिए। देश के विभिन्न राज्यों के अलग-अलग ब्लॉकों में साध-संगत पंडाल में बैठी हुई है और पूज्य गुरु जी का लाइव प्रोग्राम देख रही है। आइयें सुनते हैं रूहानी सत्संग…

इससे पहले पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शनिवार को आॅनलाइन गुरूकुल के माध्यम से रूहानी सत्संग में आगे फरमाया कि सत्संग क्यों जरूरी है, आदमी कहता है कि मैं क्यों करूं सत्संग, किस लिए करूं सत्संग? क्या आप जानते हैं कि आप कितनी शक्तियों के धनी हैं। शायद आप सोचते हों कि मैं तो सब जानता हूँ, मेरे में इतनी अकल है, मैं इतना पढ़ा-लिखा हूँ, मेरे में इतनी समझ है, मेरी बॉडी स्टैन्थ ये है, मेरी माइंड स्टैन्थ ये है, इत्यादि-इत्यादि। तो आप सोचेंगे कि मेरे को तो सारा पता है, जी नहीं, ये तो 100 पर्सेंट में से 1, 2 पर्सेंट ही आपको पता है। यहां तक साइंटिस्टों की बात करें तो वो भी कह रहे हैं कि हम तो इन्सानी शरीर को 10 से 15 पर्सेंट ही पढ़ पाए हैं। तो हमारे धर्मों में ये बताया गया है कि अगर आप अपनी स्ट्रैन्थ, सोचने की शक्ति, शारीरिक शक्ति यानि आत्मिक, मानसिक, शारीरिक शांति चाहते हैं, शक्तियों को बढ़ाना चाहते हैं तो आप इसके योग्य मनुष्य हैं, जो अपनी शक्ति को बढ़ा सकता है, पर कैसे? क्योंकि वो शक्तियां आपके अंदर हैं और बढ़ाने के लिए एक स्कूल, कॉलेज अगर कोई है तो वो सत्संग है, जहां बताया जाता है वो मैथड, वो युक्ति, वो तरीका जिसको अपनाकर आप अपनी इन शक्तियों को अपने अंदर से हासिल कर सकते हैं।
आप जी ने फरमाया कि अच्छा खाना बनाना हो तो अच्छा शैफ, रसोइये से आप टिप्स लेंगे तो आप और अच्छी रसोई बना लेंगे, जितनों के संपर्क में आएंगे, उतना ही आप नई-नई चीजें सीखते जाएंगे। हर क्षेत्र में ये अनुभव जरूरी है। बहुत सारी चीजें होती हैं, जो आप पढ़-लिखकर, अपने दिमाग के ज्ञान से सीखते हैं, पर एक चीज उम्र भी होती है जो आपको बहुत कुछ सिखाती है, तजुर्बा होता है, जो आपको बहुत कुछ सिखाता है। उसी तरह सत्संग में जितनी बार आओगे, जितनी बार सुनोगे, हर बार आप कुछ नया लेकर जाओगे। हर बार आप अपने लिए, अपने परिवार के लिए , समाज के लिए, देश के लिए, वर्ल्ड के लिए, आपकी सोच की लिमिट जहां तक है, कुछ ना कुछ अच्छा ही करने के लिए प्रेरित होकर जाओगे। कभी भी सत्संग में घर तोड़ने के लिए या बर्बाद करने के लिए नहीं सिखाया जाता।

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