नई दिल्ली (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय ने पेगासस जासूसी मामले में याचिकाओं की प्रतियां केंद्र सरकार को सौंपने का निर्देश देते हुए गुरुवार को कहा कि यदि मीडिया में आई खबरें सही हैं, तो आरोप काफी गंभीर हैं। न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए अगले मंगलवार की तारीख मुकर्रर की, लेकिन केंद्र सरकार को कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने सभी याचिकाकतार्ओं के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद उन्हें निर्देश दिया कि वे याचिकाओं की प्रति केंद्र सरकार को सौंपे। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इस मामले में केंद्र सरकार की मौजूदगी के बिना खंडपीठ आगे की सुनवाई नहीं कर सकती। हालांकि न्यायालय ने मामले में फिलहाल औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकतार्ओं की जासूसी का मुद्दा अहम है। उन्होंने कहा कि अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही है, तो यह आरोप काफी गंभीर है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हैक किए गए हैं। हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा कि इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।
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