बंदरों के खौफ से घरों में कैद हुए लोग

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कपड़े, खाना आदि छीन कर बढ़ा रहे परेशानी

  • कई बार शिकायत के बाद भी नगर निगम ने नहीं किया समाधान

गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय मेहरा)। सेक्टर-5 में इन दिनों बंदरों का आंतक (Fear of Monkeys) है। इस भय से लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं। लोग अपने घरों में ना तो खुलकर रह पा रहे हैं और ना ही खा-पी पा रहे हैं। बंदर कुछ भी सामान देखते हुए लोगों पर झपट पड़ते हैं। क्षेत्र के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष का कहना है कि कई बार नगर निगम को बंदरों को पकड़ने के लिए शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं किया गया।

सेक्टर-3, 5 व 6 आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ ने बताया कि सेक्टर-5 में पिछले 6 महीने से लोग बंदरों (Fear of Monkeys) से परेशान हैं। इसकी जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को दी जा चुकी है। अधिकारी समस्या का समाधान करने की हाँ तो कर देते हैं लेकिन काम कुछ नहीं करते। अधिकारियों द्वारा बार-बार यही जवाब दिया जा रहा है कि बंदर पकड़ने का टेंडर कर रहे हैं। यही जवाब मिल रहा है।

सेक्टर-5 निवासी सुनील गुप्ता के मुताबिक उत्पाती बंदरों ने कई बार उनके घर में गमलों को तोड़ा है। उनमें लगे पौधों को भी जड़ से उखाड़ देते हैं। मिस्टर अरोड़ा के घर के भीतर बंदर घुस गए और रसोई से खाने के सामान से भरे डिब्बे उठा ले गए। अब रोजाना घर की छत पर आकर बैठ जाते हैं। घर में छोटे बच्चों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है। लोकेश पारीक के मुताबिक उनके घर के बाहर कपड़े सूख रहे थे।

बंदरों (Fear of Monkeys) ने सभी शर्ट के बटन तोड़ दिए। साथ ही कपड़े फाड़ दिए। पूर्व एक्सईएन मोहिंदर पोल व राजीव शर्मा ने बताया कि मदर प्राइड स्कूल व आसपास के घरों पर करीब 15-20 बंदर बैठे रहते हैं। उनके कारण लोग डरते हुए अपने घरों में रह रहे हैं। वरिष्ठ नागरिक पुष्कर राज शर्मा के मुताबिक बंदरों के भय से अपनी छत पर भी जाना बंदर हो गए। अध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ ने फिर से नगर निगम अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे इस शिकायत पर तत्परता से काम करें, ताकि क्षेत्र से बंदरों को पकड़कर खौफ कम किया जा सके। क्षेत्र के लोग बहुत परेशान हैं।

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