सौगात: प्रधानमंत्री ने लॉन्च किया आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन

Ayushman Bharat Digital Health Mission

सबको सस्ता इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है सरकार : पीएम

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों, मध्यमवर्ग और महिलाओं को सस्ता और बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि देश में एक समावेशी और समग्र स्वास्थ्य सुविधाओं का मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। मोदी ने आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तीसरी वर्षगांठ पर एक आॅनलाइन कार्यक्रम में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का लोकार्पण करते हुए कहा कि इससे देश भर की स्वास्थ्य सुविधाएं, अस्पताल, चिकित्सक, फामेर्सी, दवा की दुकान और मरीज एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगे।

प्लेटफार्म से देश के दूरदराज के हिस्सों में भी नागरिकों को वरिष्ठ चिकित्सकों और विशेषज्ञों से परामर्श मिल सकेगा। प्रधानमंत्री ने जन औषधि, आयुष्मान भारत, डिजिटल लेनदेन, ई-संजीवनी, टेलीमेडिसिन का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में पिछले छह सात साल के के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का काम चल रहा है। सरकार जल्दी ही नई स्वास्थ्य नीति लेकर आएगी। यह नीति पूरी तरह से समावेशी और समग्र होगी।

कोरोना टीकाकरण में कोविन एप का महत्वपूर्ण योगदान

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार की योजनाओं से करोडों लोगों को लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने आरोग्य और केविन एप का उल्लेख करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में स्वास्थ्य सुविधाओं का इतना बुनियादी ढांचा कहीं मौजूद नहीं है। इन दोनों एप की बदौलत लोगों को कोरोना महामारी के बारे में जागरूक करने और महामारी को नियंत्रित करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि कोरोना टीकाकरण में कोविन एप का महत्वपूर्ण योगदान है जिसे पूरी दुनिया स्वीकार कर रही है।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री तथा केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयुष्मान भारत के सफलताओं और उपलब्धियों पर एक वीडियो फिल्म और एक कॉफी टेबल बुक का भी लोकार्पण किया।

क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन?

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम बनाया जाएगा. इसके लिए बहुत-सारे डेटा की जरूरत होगी। जन धन, आधार और मोबाइल (जेएएम) ट्रिनिटी और सरकार की अन्य डिजिटल पहलों के रूप में तैयार बुनियादी ढांचे के आधार पर, पीएम-डीएचएम स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करते हुए एक विस्तृत श्रृंखला के प्रावधान के माध्यम से डेटा, सूचना और जानकारी का एक सहज आॅनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा। इस अभियान के अंतर्गत नागरिकों की सहमति से स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच और आदान-प्रदान को सक्षम बनाया जा सकेगा।

कैसे काम करेगा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन?

अभियान के एक हिस्से के रूप में तैयार किया गया आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन सैंडबॉक्स, टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट टेस्टिंग के लिए एक फ्रेमवर्क के रूप में काम करेगा और ऐसे निजी संगठनों को भी सहायता प्रदान करेगा, जो नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम का हिस्सा बनते हुए हेल्थ इंफॉर्मेशन प्रोवाइडर या हेल्थ इंफॉर्मेशन यूजर अथवा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तैयार ब्लॉक्स के साथ कुशलता से स्‍वयं को जोड़ने की मंशा रखते हैं। इसके तहत सरकार हर व्यक्ति का यूनिक हेल्थ कार्ड बनाएगी। यह कार्ड पूरी तरह से डिजिटल होगा जो देखने में आधार कार्ड की तरह होगा। इस कार्ड पर आपको एक नंबर मिलेगा, जैसा नंबर आधार में होता है। इसी नंबर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यक्ति की पहचान होगी।

हर नागरिक का बनेगा हेल्थ कार्ड

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत देश के प्रत्येक नागरिक का एक हेल्थ आईडी बनेगा जो उनके हेल्थ खाते के रूप में भी काम करेगी। इससे पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकेगा। इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां , आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक कलेक्शन के रूप में कार्य करेंगी। यह चिकित्‍सकों/अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा।

क्या होगा फायदा?

यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए फाइल ले जाने से छुटकार मिलेगा. डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे। उसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा।
यह कार्ड ये भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं, इस यूनिक कार्ड के जरिये पता चल सकेगा।

हेल्थ आईडी में क्या बातें होंगी दर्ज

सबसे पहले तो जिस व्यक्ति की आईडी बनेगी उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा। इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो व्यक्ति का एक-एक डेटा जुटाएगी। जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत दी जाएगी। इसी आधार पर आगे का काम बढ़ाया जाएगा।

ऐसे बनवाएं हेल्थ आईडी

पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आईडी बना सकता है।

https://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा कर भी आप अपनी हेल्थ आईडी बना सकते हैं।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।