प्रधानमंत्री की छात्रों को सलाह: सफलता का शॉर्टकट नहीं होता, सहूलियतों के बजाय चुनौतियों को चुनें

PM's advice to students sachkahoon

कानपुर (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के दीक्षांत समारोह में छात्रों से जीवन में सफलता के शॉर्टकट तलाशने से बचतु हये सहूलियत भरे मार्ग को चुनने की बजाय चुनौतियों को स्वीकार करने की सलाह दी है।

मोदी ने आईआईटी कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुये कहा कि डिग्रियां मिलने के बाद आप सब के लिये जीवन की अब एक नयी यात्रा शुरू होगी। उन्होंने छात्रों को संदेश दिया, ‘आज से शुरू हुई यात्रा में आपको सहूलियत के लिए शॉर्टकट भी बहुत लोग बतायेंगे। लेकिन मेरी सलाह यही होगी कि आप ‘सहूलियतों’ को मत चुनना, बल्कि ‘चुनौतियों’ जरूर चुनना। उन्होंने छात्रों को नसीहत दी कि आप चाहें या न चाहें, जीवन में चुनौतियां आनी ही हैं। जो लोग उनसे भागते हैं, वो उनका शिकार बन जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी का छात्रों से आह्वान भी किया कि वे अपनी मानवीय संवोदनाओं को और जानने की ललक को कभी मरने न दें। उन्होंने कहा कि लोगों से जुड़ने की अपनी इच्छा और जिम्मेदारी को कभी काम के बोझ तले दबने नहीं देना चाहिये।

पीएम ने छात्रों को ऑनलाइन डिग्री प्रदान की

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संस्थान के दीक्षांत समारोह में 1723 छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों की ऑनलाइन डिग्री एवं उपाधि प्रदान की। मोदी एक दिवसीय कानपुर प्रवास के लिये दिन में लगभग 11 बजे यहां स्थित चकेरी हवाईअड्डा पहुंचे। जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। दीक्षांत समारोह में सफल छात्रों को उपाधि वितरण के बाद मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में यह बदलाव का दौर है जिसे छात्र भी जरूर महसूस करते होंगे। मोदी ने कहा कि आपने जब आईआईटी कानपुर में प्रवेश लिया था और अब, जब आप यहां से निकल रहे हैं, तब और अब में, आप अपने में बहुत बड़ा परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे।

आज देश में बदलाव दिख रहा है

उन्होंने कहा, ‘पहले अगर सोच, काम चलाने की होती थी तो आज सोच, कुछ कर गुजरने की होती है। पहले अगर सोच, समस्याओं को लाने की होती थी तो आज सोच, समस्याओं का समाधान लाने की होती है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज देश में जो एक के बाद एक बदलाव दिख रहे हैं, इनके पीछे मुझे आपका यानि छात्र शक्ति का चेहरा नजर आता है। ऐसे में मुझे विश्वास है कि देश जब आजादी की शताब्दी मनायेगा, उसमें आपके पसीने की महक होगी।

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