राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए की जा रही झोलाछाप राजनीति : अमित सहू

बोले, सिर्फ अपने गोदामों की रक्षा के लिए अपने अधिकारों का किया प्रयोग, न कि जमीन पर कब्जा करने के लिए

  • खातेदारी भूमि में काश्त करने से वंचित करने के लग रहे आरोपों के बीच मीडिया के सामने आए पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप के पुत्र अमित सहू

हनुमानगढ़। (सच कहूँ न्यूज) ग्राम पंचायत सतीपुरा के चक 45 एनजीसी के कुछ किसानों की ओर से खातेदारी भूमि में काश्त करने से वंचित करने के आरोप लगा जिला कलक्ट्रेट के समक्ष बेमियादी धरना लगाने के चौथे दिन पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप के पुत्र अमित सहू मीडिया के सामने आए। उन्होंने अपने व उनके परिवार पर लग रहे आरोपों के खिलाफ अपनी बात रखते हुए धरना दे रहे किसानों पर बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया। सहू ने धरनार्थी किसानों की अगुवाई कर रहे राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोगों पर मात्र राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए झोलाछाप राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने मीडियाकर्मियों को मौका भी दिखाया।

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मौके पर मौजूद गांव सतीपुरा के ही कुछ ग्रामीणों ने भी धरना दे रहे किसानों की मांग व आंदोलन को गलत ठहराया। मीडिया से बात करते हुए पूर्व मंत्री के पुत्र अमित सहू ने कहा कि जिला कलक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे सतीपुरा के ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप व उनका परिवार उनकी जमीनों पर कब्जा करना चाहता है और उन्हें काश्त नहीं करने दे रहा। लेकिन मौके की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि धरना दे रहे किसानों की क्या मंशा है। धरना दे रहे किसानों ने करीब सालभर पहले जब उनकी गोदाम के पास मिट्टी की खुदाई की तो उन्होंने पड़ोसी होने के नाते किसानों को रोका। लेकिन किसानों ने बात नहीं मानी तो अपने नागरिक अधिकार का प्रयोग करते हुए इसकी शिकायत तहसीलदार से की कि खुदाई करने से पास ही बने उनके गोदाम की बिल्डिंग को खतरा है।

इसलिए मिट्टी का खनन रोका जाए। पटवारी ने मौके पर आकर रिपोर्ट की कि अवैध खनन हो रहा है। इसके लिए स्वीकृति नहीं ली गई। उसी के आधार पर तहसीलदार ने धारा 177 की कार्रवाई यानि जमीन रकबा राज करने के लिए उपखण्ड अधिकारी को लिखा। सहू के अनुसार तब एसडीएम ने उनसे बात की तो उन्होंने मना करते हुए कहा कि उन्हें किसी गरीब किसान की जमीन को रकबा राज नहीं करवाना। लेकिन इसके बाद भी यह किसान नहीं माने। अब इन किसानों की ओर से उन पर बेवजह आरोप लगाया जा रहा है कि पूर्व मंत्री व उनका परिवार उनकी जमीनों पर कब्जा करना चाहता है। कभी कहते हैं कि जमीन में से रास्ता नहीं दिया जा रहा।

सहू ने कहा कि धरने पर बैठे किसान हर दिन अपना बयान बदल रहे हैं। जबकि पूर्व मंत्री या उनके परिवार के खेत या जमीन के अंदर से कोई सरकारी रास्ता स्वीकृत नहीं है। किसानों को उनकी जमीन में जाने से रोकने की बात तो दूर। उन्होंने कहा कि चुनाव का समय नजदीक है। मात्र राजनीति करने के मकसद से उनके परिवार पर झूठे लगाकर बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। झोलाछाप राजनीति करने वाले लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर चुनावों में फायदा लेने चाहते हैं। तथ्यों की जानकारी लिए बगैर उन पर झूठे आरोप लगा परेशान किया जा रहा है। सहू ने कहा कि जिस किसी भी व्यक्ति के मन में शंका है कि पूर्व मंत्री व उनके परिवार पर किसानों की ओर से लगाए जा रहे आरोप सही हैं तो वे मौके पर आकर स्थिति से वाकिफ हो सकते हैं।

मौका देखने के बाद वे जो निर्णय सुनाएंगे वे उसकी पालना करने के लिए तत्पर व तैयार हैं। सहू ने कहा कि उन्हें किसी की जमीन नहीं चाहिए। उन्होंने सिर्फ अपने गोदामों की रक्षा के लिए यह कार्रवाई करवाई थी। उन्होंने न तो किसी किसान को खेती करने के लिए रोका और न ही अपने खेतों में जाने के लिए। सहू ने कहा कि किसानों का आरोप है कि पूर्व मंत्री का परिवार उन्हें अपने खेतों में खेती नहीं करने दे रहा। लेकिन उनके खुद के करीब एक बीघा जमीन में वे पिछले 18 सालों से किसी फसल की बिजाई नहीं कर पाए। सिर्फ इन्हीं किसानों की वजह से। उनका भी परिवार है। उन्हें भी खेती से आमदनी चाहिए। लेकिन आज यही किसान उन पर झूठे आरोप लगाकर बेवजह परेशान कर रहे हैं।

पंचायत में रुपए नहीं मिले तो शुरू किया धरना

उधर, मौके पर मौजूद सतीपुरा के ही किसान निर्मलसिंह, हरचरण सिंह आदि ने बताया कि इस विवाद को लेकर पूर्व में कई बार पंचायत हो चुकी है। धरने पर बैठे किसान अपनी जमीन पूर्व मंत्री के परिवार को बेचने को भी तैयार हो गए थे। पूर्व मंत्री के परिवार पर आरोप लगाने वाले किसान पंचायत में तय हुई बात से मुकर चुके हैं। पंचायत में यह बात तय हुई थी कि किसान अपनी जमीन पूर्व मंत्री के परिवार को बेच देंगे। लेकिन किसान पंचायत में इस बात पर अड़ गए कि उन्हें जमीन की सारी राशि मौके पर ही देकर हाथोंहाथ रजिस्ट्री करवाई जाए। रुपए नहीं मिले तो उक्त किसानों ने धरना शुरू कर दिया।

यह है मामला

गौरतलब है कि खातेदारी भूमि में काश्त करने से वंचित करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग को लेकर चक 45 एनजीसी के कुछ किसान पिछले चार दिनों से राजस्थान किसान सभा के बैनर तले जिला कलक्ट्रेट के समक्ष धरने पर बैठे हैं। धरना दे रहे किसान राजनीतिक दबाव बना झूठी रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार से झूठा मुकदमा दर्ज करवा एकतरफा स्थगन आदेश प्राप्त कर खातेदारी भूमि में काश्त से वंचित करने का आरोप लगा कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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