हड्डारोडी स्थल पर गर्माया माहौल, विरोध कर रहे ग्रामीणों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

भारी विरोध के बीच गांव कोहला में जिला स्तरीय हड्डारोडी स्थल पर प्रशासन ने की विकास कार्यों की शुरूआत

  • ग्रामीणों ने लगाया प्रशासन पर हठधर्मिता अपनाने का आरोप

हनुमानगढ़। गांव कोहला में जिला स्तरीय हड्डारोडी बनाने के विरोध में ग्रामीणों की ओर से करीब चार माह से किए जा रहे आंदोलन का मामला बुधवार सुबह उस समय गर्मा गया जब भारी पुलिस जाप्ते के साथ नगर परिषद का अमला हड्डारोडी स्थल पर पौधरोपण करने सहित अन्य विकास कार्य करवाने पहुंचा। हड्डारोडी स्थल के नजदीक रास्ते पर धरना दे रहे ग्रामीणों ने नगर परिषद व पुलिस के वाहनों को हड्डारोडी स्थल पर नहीं जाने दिया और वे वाहनों के आगे बैठ गए। मौके पर तैनात पुलिस जाप्ते ने भाजपा नेता अमित सहू, पूर्व पार्षद देवेन्द्र पारीक, हड्डारोडी हटाओ संघर्ष समिति के संयोजक लीलाधर शर्मा आदि के नेतृत्व में विरोध दर्ज करवा रहे पुरुषों व महिलाओं को वहां से हटाकर रास्ता खुलवाया। इसके चलते एकबारगी माहौल तनावपूर्ण हो गया। भारी विरोध के बावजूद पुलिस कर्मियों ने विरोध दर्ज करवा रहे ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत के बाद हटाया। साथ ही दर्जनों ग्रामीणों के साथ उनकी अगुवाई कर रहे लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर टाउन थाना ले गई।

इसके बाद पौधों व हड्डारोडी स्थल पर लगाए जाने वाले गेट आदि रखे ट्रैक्टर-ट्रॉली को हड्डारोडी स्थल तक ले जाया गया। साथ ही हड्डारोडी स्थल पर विकास कार्यांे की शुरूआत की गई। इस दौरान भाजपा नेता अमित सहू ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने हठधर्मिता अपनाते हुए शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे ग्रामीणों को माहौल खराब करने के लिए उकसाया। ग्रामीणों ने प्रशासन से बात करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने ग्रामीणों की एक नहीं सुनी और पुलिस ग्रामीणों को उठाकर थाना ले गई। सहू ने कहा कि ग्रामीण पिछले 128 दिनों से जिला स्तरीय हड्डारोडी के खिलाफ बेमियादी धरना दे रहे हैं। मंगलवार को सांसद निहालचन्द ने भी जिला कलक्टर से बात कर आबादी क्षेत्र से दूर किसी अन्य जगह पर हड्डारोडी बनाने के लिए प्रस्ताव भिजवाने को कहा था। लेकिन पता नहीं प्रशासन गांव कोहला को उजाडऩे में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहा है। प्रशासन की ओर से किया गया बलप्रयोग निंदनीय है। हड्डारोडी का विरोध लगातार जारी रहेगा।

ग्रामीण इसके विरोध में डटे रहेंगे। रामेश्वर लाल सहारण ने बताया कि सोमवार शाम को जिला परिषद कार्यालय के सभागार में प्रशासन के साथ हुई वार्ता सकारात्मक रही थी। वार्ता में तय हुआ था कि दीपावली त्योहार तक प्रस्तावित हड्डारोडी की जगह पर कोई कार्य न किया जाए। इसके बाद कोई और जगह पर हड्डारोडी बनाने को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। लेकिन प्रशासन गांव कोहला में हड्डारोडी बनाने पर उतारु है। लेकिन ग्रामीण भी जब तक जिंदा हैं प्रस्तावित जगह पर मृत पशु नहीं डालने देंगे। उन्होंने बताया कि 127 दिन तक तो मेगा हाइवे के पास धरना चला। मंगलवार से यह धरना हड्डारोडी के पास शुरू किया गया। पूरी रात ग्रामीणों ने धरनास्थल पर गुजारी। बुधवार को पुलिस जाप्ते के साथ नगर परिषद का अमला धरनास्थल पर पहुंचा और जबरन धरने से उठा दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन से कहा था कि पौधे तो ग्रामीण स्वयं भी लगा देंगे। लेकिन अधिकारियों ने उनकी नहीं सुनी और ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया।

क्या बोले जिला कलक्टर

जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि पूर्व में जंक्शन में मृत पशुओं को नवां बायपास रोड पर जिस जगह डाला जाता था, वह जगह मेडिकल कॉलेज को आवंटित कर दी। मेडिकल कॉलेज हनुमानगढ़ जिले ही नहीं अन्य जिलों व आसपास के राज्यों के लिए मेडिकल की सुविधाएं उपलब्ध करवाने में बड़ा मददगार साबित होगा। मृत पशुओं के निस्तारण की पूरे देश में ऐसी कोई तकनीक है जिससे मृत पशुओं की बदबू न आए। मृत पशुओं के निस्तारण के लिए गांव कोहला व रामसरा नारायण के पास जमीन चिह्नित कर हड्डारोडी के लिए आरक्षित की। इस जगह से कोहला गांव करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है। लेकिन ग्रामीणों की ओर से हड्डारोडी का विरोध किया जा रहा है। उच्च न्यायालय ने ग्रामीणों की पीआईएल व रिट पिटिशन खारिज करते हुए प्रशासन को निर्देश प्रदान किए हैं कि उस स्थान पर ऊंची बाऊंड्री वॉल, शैड व पौधरोपण किया जाए ताकि दूर तक दुर्गंध न फैले।

इसलिए जिला प्रशासन सुनिश्चित कर रहा है कि उच्च न्यायालय के निर्देशों की अक्षरक्ष: पालना हो। हड्डारोडी के लिए आरक्षित करीब 6 बीघा भूमि पर करीब दस फीट से ऊंची बाऊंड्री बॉल बनाई जाएगी। शैड बनाया जाएगा व अधिकाधिक पौधरोपण किया जाएगा। गहरा गड्ढा कर वैज्ञानिक तरीके से पशुओं का निस्तारण किया जाएगा ताकि ग्रामीणों को किसी प्रकार की तकलीफ न हो। इन कार्यांे में जो भी व्यवधान पैदा करेगा उसके खिलाफ विधि-विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। डिडेल ने कहा कि ग्रामीणों में अगर किसी प्रकार का भ्रम है तो इस आंदोलन का नेतृत्व कर लोग अन्य ग्रामीणों को भी समझाएं। किसी भी रूप में पूरे जिले के मृत पशुओं का यहां निस्तारण नहीं किया जाएगा। प्रशासन का प्रयास रहेगा कि ग्रामीणों को हड्डारोडी से कोई परेशानी न हो।

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