पंजाबी लोक गायक सुरिंदर छिंदा का निधन

Surinder Shinda
पंजाब के मशहूर लोक गायक सुरिंदर छिंदा

फूड पाइप के ऑपरेशन के बाद हुई थी इन्फेक्शन, 64 साल की उम्र में अंतिम सांस ली

लुधियाना (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब के मशहूर लोक गायक सुरिंदर छिंदा (Surinder Shinda) का बुधवार को निधन हो गया। उन्होंने डीएमसी अस्पताल लुधियाना में आखिरी सांस ली। उनकी 64 साल की उम्र थी। कुछ दिन पहले उन्होंने अस्पताल में फूड पाइप का आॅपरेशन करवाया था, जिसके बाद शरीर में इन्फेक्शन बढ़ गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। छिंदा कई दिन एक निजी अस्पताल में भी वैंटिलेटर पर रहे। इसके बाद उनकी बिगड़ती हालत के कारण उन्हें डीएमसी शिफ्ट कर दिया गया था। छिंदा अपने पीछे पत्नी जोगिंदर कौर और बेटे मनिंदर छिंदा, सिमरन छिंदा को पीछे छोड़ गए। परिवार से संवेदना व्यक्त करने वालों में स्व. कुलदीप माणक के बेटे युधवीर माणक, लोक गायक पाली देतवालिया, रणजीत मणी व अन्य कलाकार पहुंचे।

सुरिंदर छिंदा (Surinder Shinda) का जन्म लुधियाना के गांव छोटी अयाली में हुआ था। पिता बचन राम और माता विदेवती के घर संगीत उन्हें विरासत में मिला। जिस वजह से 4 साल की उम्र में ही वह संगीत सीखने लगे। उनका असली नाम सुरिंदर पाल धम्मी है। छिंदा को उस्ताद मिस्तारी बचन राम ने गायकी सिखाई। छिंदा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राइमरी स्कूल, हाता शेर जंग सरकारी स्कूल से पूरी की थी। अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्हें सरकारी नौकरी मिल गई। मल्टीपर्पज स्कूल और लुधियाना से प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की।

स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद सुरिंदर छिंदा ने एसआईएस लुधियाना में दाखिला लिया और शॉर्ट इंजीनियरिंग में मैकेनिकल का कोर्स किया। गायक बनने से पहले उन्होंने सरुप मैकेनिकल वर्क्स लुधियाना में नौकरी की। लेकिन वह गायक बनना चाहते थे। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और प्रोफेशनल सिंगर बनने का फैसला किया। इसलिए छिंदा ने उस्ताद जसवंत भामरा से भी संगीत सीखा है। भामरा उस समय नेशनल कॉलेज में संगीत के प्रोफेसर थे।

छिंदा का पहला गाना ‘उच्चा बुर्ज लाहौर दा’ था। यह गाना बहुत जल्द सुपरहिट हो गया था और इस गाने ने सुरिंदर छिंदा को दर्शकों से रुबरु करवाया था। 1979 में सुरिंदर छिंदा ‘रख ले क्लिंदर यारा’ एलबम लेकर आए। इसे पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में जबरदस्त सफलता मिली थी। सभी पंजाबी संगीत प्रेमियों ने इस एलबम को दिल से स्वीकार किया और छिंदा की अनूठी गायकी को सराहा था। कई प्रसिद्ध गिल हरदीप जैसे कई पंजाबी गायकों ने सुरिंदर छिंदा से संगीत सीखा है। छिंदा ने अभी तक 165 से अधिक गीतों की कैसेट रिलीज की है।

अदाकारी में भी दिखाए जौहर छिंदा ने अदाकारी में भी खूब जौहर दिखाते हुए पुत्त जट्टां दे , ऊंचा दर बाबे नानक दा, अंख जट्टां दी, जट्ट जियोणा मौड़, बदला जट्टी दा और बहुत सी फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपने जीवन में कई पुरस्कार जीते हैं। गायन और अभिनय के लिए 26 स्वर्ण पदक और 2500 से अधिक ट्रॉफियां जीती हैं। कला परिषद द्वार उन्हें पंजाब गौरव रतन पुरस्कार, पंजाब सरकार द्वारा शिरोमणि गायक पुरस्कार, पंजाब सर्कल इंटरनेशनल, यूके द्वारा पंजाबी लोक पुरस्कार मिले है। Surinder Shinda

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जताया दुख

शोक संदेश में मुख्यमंत्री (Bhagwant Mann) ने सुरिंदर छिंदा को अपने समय का महान पंजाबी गायक बताया, जिसकी दिल छूने वाली आवाज ने पंजाबी संगीत के लाखों प्रेमियों का दिल जीता। उन्होंने कहा कि सुरिंदर छिंदा के देहांत से पंजाबी संगीत जगत के क्षेत्र को बड़ी क्षति हुई है, जिसकी कमी पूरी करना मुश्किल है। भगवंत मान ने कहा कि सुरिंदर छिंदा को उनके प्रशंसकों की जुबान पर उनके गीतों से हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि छिंदा बेमिसाल गायक थे, जिन्होंने पंजाबी संगीत जगत में अपना अह्म योगदान दिया। पारिवारिक सदस्यों के साथ सांत्वना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने परमात्मा से प्रार्थना की कि वह बिछड़ी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और पीछे परिवार को ईश्वरीय आदेश मानने की शक्ति प्रदान करे।

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