नशा छुड़ाओ केंद्र और पुर्नवास सेंटर पर छापामारी

  • ड्रग की लत से बचाने को 20 मरीज बनाए बंदी, छुड़वाया
  • मालिक रणजीत सिंह फरार, सेंटर को किया सील

बठिंडा (सच कहूँ न्यूज)। जिला उपायुक्त शोकत अहमद परे और सिविल सर्जन डॉ. तेजवंत सिंह ढिल्लों के आदेशों पर डॉ. अरुण बांसल मनोरोग विशेषज्ञ, सिविल अस्पताल बठिंडा कम नोडल अधिकारी के नेतृत्व में जिला स्तरीय एक कमेटी ने शनिवार सुबह बठिंडा में गैर कानूनी तरीके से चलाए जा रहे ड्रग रि-हैबलिटेशन (नशा छुड़ाओ) केंद्र पर छापामारी की। यह छापामारी महा सिंह वाला महिराज में चलाए जा रहे ‘होपफुल नशा छुड़ाओ केंद्र’ पर की गई। जांच टीम को इस केंद्र से 20 ऐसे मरीज मिले, जिनका नशा छुड़वाने के लिए उन्हें लंबे समय से बंदी बनाकर रखा गया था। कई मरीजों का ईलाज चलते हुए वहां 1-1 साल हो चुका है। लेकिन कौन-कौन डॉक्टर वहां पहुंचे मरीजों का ईलाज करने आते रहे हैं, इस संबंध में फिलहाल बठिंडा प्रशासन और संबंधित विभाग जांच में जुटे हैं। इस टीम में डॉ. हरिंद्र सिंह सीनियर मेडिकल अफसर रामपुरा, ओम प्रकाश एसडीएम, सुखबीर सिंह तहसीलदार, अमित शामिल थे।

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जांच टीम ने केंद्र में बतौर स्टाफ काम करने वाले लोगों समेत मरीजों से पूछताछ की। इस दौरान पता लगा कि इस केंद्र का संचालक रणजीत सिंह और कुलदीप सिंह हैं। लेकिन ये दोनों कहां के रहने वाले हैं और फिलहाल किस जगह पर हैं, यह पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बताया गया कि दोनों लंबे समय से इस नशा छुड़ाओ केंद्र को गैर कानूनी तरीके से चला रहे थे। प्रशासनिक जांच टीम ने इस नशा केंद्र पर सील लगाकर उसे पूर्ण रुप से बंद कर दिया है। फिलहाल प्रशासन और स्थानीय पुलिस आगामी जांच में जुटे हैं।

हैरत की बात यह है कि इस नशा छुड़ाओ केंद्र में नशे की गिरफ्त में फंसे मरीजों पर नजर रखने के लिए उन्हीं 10 लोगों को स्टाफ बनाकर ड्यूटी पर लगाया गया था, जो स्वयं नशे के आदि होने के चलते इस केंद्र में उपचाराधीन रहे हैं। यह रिपोर्ट मिलने पर जिला प्रशासन समेत डीसी, सिविल सर्जन और पुलिस भी सकते में है। केंद्र में मिले मरीजों में अधिकांश जिला बठिंडा के ही रहने वाले हैं। प्रशासनिक जांच टीम ने छापामारी के बाद बंदी बनाकर रखे गए 20 मरीजों को छुड़वाने के बाद उन्हें मानसा स्थित सरकारी काउंसलिंग एवं रि-हैबलिटेशन सेंटर में शिफ्ट किया। साथ ही जिन 10 लोगों को केंद्र में स्टाफ बनाकर रखा गया था, उन्हें पुलिस के सुपुर्द किया गया है। मालिक रणजीत सिंह फरार है और सेंटर को सील कर दिया गया है।

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