साइबर अपराध के खिलाफ रूस के प्रस्ताव को मंजूरी

Cyber Crime
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संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दी हरी झंडी

संयुक्त राष्ट्र (एजेंसी)। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अमेरिका की आपत्ति के बावजूद साइबर अपराध (Cyber Crime) से लगने के लिए रूस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। आपराधिक उद्देश्य से सूचना और सूचना प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने को लेकर रूस ने प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव के पक्ष में 79 देशों ने और विरोध में 60 देशों ने वोट डाले। इस दौरान 33 देश अनुपस्थित रहे। इस प्रस्ताव में सूचना और सूचना प्रौद्योगियों का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए दुनियाभर के विशेषज्ञों की समिति गठन का प्रावधान है।

  • वे अपराध जिनमें कंप्यूटर पर हमला किया जाता है। उदाहरण हैकिंग, वायरस हमले, डॉस हमले आदि
  • प्रस्ताव का उद्देश्य सूचना और सूचना प्रौद्योगियों का गलत इस्तेमाल रोकना
  • 79 देशों ने किया समर्थन 60 ने की खिलाफत
  • 33 देशों के प्रतिनिधि रहे गैर हाजिर

क्या है साइबर अपराध?  Cyber Crime

साइबर अपराध के मामलों में एक साइबर क्रिमिनल, किसी उपकरण का उपयोग, उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी, गोपनीय व्यावसायिक जानकारी, सरकारी जानकारी या किसी डिवाइस को अक्षम करने के लिए कर सकता है। उपरोक्त सूचनाओं को आॅनलाइन बेचना या खरीदना भी एक साइबर अपराध है। साइबर अपराध, जिसे ‘इलेक्ट्रॉनिक अपराध’ के रूप में भी जाना जाता है। एक ऐसा अपराध है जिसमें किसी भी अपराध को करने के लिए, कंप्यूटर, नेटवर्क डिवाइस या नेटवर्क का उपयोग, एक वस्तु या उपकरण के रूप में किया जाता है।

जहाँ इनके (कंप्यूटर, नेटवर्क डिवाइस या नेटवर्क) जरिये ऐसे अपराधों को अंजाम दिया जाता है। वहीं इन्हें लक्ष्य बनाते हुए इनके विरुद्ध अपराध भी किया जाता है। ऐसे अपराध में साइबर जबरन वसूली, पहचान की चोरी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, कंप्यूटर से व्यक्तिगत डेटा हैक करना, फिशिंग, अवैध डाउनलोडिंग, साइबर स्टॉकिंग, वायरस प्रसार, सहित कई प्रकार की गतिविधियाँ शामिल हैं।

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