दादा को देख पोते की आंखों से निकली अश्रूधारा

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सुनाम। एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केन्द्र, सुनाम में बुजुर्ग व्यक्ति को उसके परिवार को सौंपते सेवादार। तस्वीर: कर्म थिन्द

मंदबुद्धि संभाल टीम संगरूर का एक और सराहनीय प्रयास लाया रंग

  • सेवादारों ने ढ़ाई महीने बाद लावारिस घूम रहे बुजुर्ग को परिवार से मिलवाया | Sangrur News
  • अब तक 85 से अधिक मंंदबुद्धियों को उनके परिवारों से मिलवा चुके हैं डेरा सच्चा सौदा के सेवादार

सुनाम ऊधम सिंह वाला (सच कहूँ/कर्म थिंद)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए मंदबुद्धि संभाल टीम संगरूर (Sangrur) लगातार सराहनीय प्रयास कर रही है। दरअसल यह टीम अपनों से बिछुड़ों को उनके परिवारों से मिलवाने का सराहनीय कार्य कर रही है। इस टीम में ब्लॉक सुनाम व ब्लॉक संगरूर के सेवादार अपनी सेवाएं निभा रहे हैं। वहीं टीम के सदस्यों के अनुसार अब तक यह सेवादार 85 से अधिक मंदबुद्धि जो लावारिस हालत में घूम रहे थे, की संभाल कर उनको उनके परिवारों से मिलवा चुके हैं। Sangrur News

सेवादारों ने बताया कि कुछ मंदबुद्धि ऐसे भी होते हैं जो कि अपने परिवार संबंधी कुछ भी बताने में असमर्थ होते हैं, परंतु उनकी पूरी संभाल कर और उनका मेडिकल करवाने के बाद उनको संगरूर के पिंगलवाड़ा में दाखिल करवा दिया जाता है और उसके बाद ज्यों ही उक्त मंदबुद्धि के परिवार संबंधी कुछ भी जानकारी हासिल होती है, तो सेवादार पूरी जानकारी हासिल कर उक्त मंदबुद्धि को उसके परिवार से मिलवा देते हैं और अपनों से मिलने के बाद परिजन पूज्य गुरु जी व सेवादारों का तहदिल से शुक्राना करना कभी नहीं भूलते और उनकी आंखों में खुशी के आंसू बहते साफ दिखाई देते हैं।

जानकारी के अनुसार इसी तरह का एक और सराहनीय कार्य डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने लावारिस घूम रहे बुजुर्ग व्यक्ति को उसके परिवार से मिलवाकर किया है। इस सबंधी जानकारी देते टीम सदस्य जसपाल सिंह इन्सां ने कहा कि पूज्य गुरु जी द्वारा 159 मानवता भलाई के कार्य चलाए जा रहे हैं, जिनमें एक कार्य मंदबुद्धियों की संभाल करना भी है, जिसके तहत वह अब तक 85 से अधिक लावारिस घूम रहे लोगों को उनके परिवारों से मिलवा चुके हैं और यह सब पूज्य गुरु जी की दया मेहर रहमत से ही संभव हो पा रहा है। Sangrur News

जसपाल सिंह इन्सां ने बताया कि उक्त बुजुर्ग संबंधी गत दिवस शनिवार सुबह मास्टर गुरदीप इन्सां धर्मगढ़Þ का उनके पास फोन आया कि एक बुजुर्ग व्यक्ति जिसकी आयु करीब 65-70 वर्ष है, काफी दिनों से लावारिस हालत में घूम रहा है और उन्होंने मुझे उक्त बुजुर्ग की फोटो व वीडियो भी भेजी। वहीं नाम-पता पूछने पर बुजुर्ग ने अपना नाम ब्रह्मदेव माथू, गांव भीखा हरकेश, पोस्ट आॅफिस किशनपुर, जिला सीतामड़ी, बिहार, बताया। जिस पर हमने सोशल मीडिया के जरिये वहां के प्रशासनिक अधिकारियों व प्रेमी सेवादारों के सहयोग से उक्त बुजुर्ग के परिजनों से संपर्क किया। परिजनों से बात करने पर पता चला कि यह बुजुर्ग अपने परिजनों के साथ वृन्दावन से ट्रैन से उतरा और वहां उनसे बिछुड़ गया। वहीं इतनी जानकारी मिलने के बाद कि उनका बुजुर्ग संगरूर में सही सलामत है, तो परिजनों के आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने बताया कि हमारे रिश्तेदार और परिजन जालंधर पंजाब में भी रहते हैं।

जिम्मेवारों ने यहां उनसे संपर्क किया और उक्त बुजुर्ग व्यक्ति के बारे में जानकारी दी। इसके बाद परिजन अपने बुजुर्ग को लेने के लिए ट्रेन द्वारा संगरूर पहुंचे, जिनमें बुजुर्ग व्यक्ति का पौत्र व उसके गांव के कुछ सदस्य शामिल थे और सेवादारों ने एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केन्द्र, सुनाम में उक्त बुजुर्ग व्यक्ति को उसके परिवार से मिलवाया। अपने बुजुर्ग को देख पौत्र की आंखों से खुशी के आंसू बह निकले और उसने उन्हें अपने गले से लगा लिया। कुछ देर यहां रूकने के बाद वे खुशी-खुशी अपने बुजुर्ग दादा को साथ लेकर लौट गए। इस मौके मास्टर गुरदीप इन्सां, मास्टर गुरप्रीत, प्रेमी तरुन भारती इन्सां, हरविन्द्र बब्बी धीमान, डॉ. हरजिन्द्र भोला, प्रेमी जसवीर इन्सां व अन्य सेवादार मौजूद थे।

बुजुर्ग व्यक्ति को लेने आए परिजनों ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का तहेदिल से धन्यवाद किया और कहा कि पूज्य गुरु जी धन्य हैं, जो अपने सेवादारों को 159 मानवता भलाई कार्यों की प्रेरणा दे रहे हैं और सेवादार उनकी पावन शिक्षाओं पर चलते हुए लगातार मानवता भलाई के कार्यों में जुटे हुए हैं।

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