निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू का पूर्व राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर पर पर बड़ा आरोप, बोले-
-
घोटालों में पूर्व मंत्री के परिवार को भी घेरा
-
दस्तावेजों सहित शिकायत मुख्यमंत्री को सौंपी, कहा-सीएम ने दिया कार्रवाई का भरोसा
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। रोहतक जिले के महम हल्के के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने एक बार फिर से सरकार की ओर मोर्चा खोल दिया है। कुंडू ने पूर्व राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर को फिर से घेरते हुए आरोप लगाया कि उनके शासनकाल के चार साल के दौरान प्रदेश की शूगर मिलों में 33 हजार करोड़ का घाटा दिखाया गया है, जो कि घाटा नहीं घोटाला है। कुंडू कुछ दस्तावेजों को आधार बना कर आज चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कुंडू ने आरोप लगाया कि पानीपत शूगर मिल व डिस्टलरी यूनिट में अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी अधिकारियों को विभागीय तौर पर क्लीन चिट दी जा रही है, जिसकी जांच हाईकोर्ट के किसी रिटायर जज से करवाने की मांग की।
कुंडू ने अपने आरोपों की सूची में पहला आरोप लगाया कि हरियाणा स्टेट फैडरेशन आॅफ को-आप्रेटिव शूगर मिल्स लिमि. को पिछले चार सालों में 3300 करोड़ का घाटा दिखाया गया है, जबकि यह घाटा नहीं बल्कि पूर्व राज्य सहिकारिता मंत्री द्वारा किया गया भ्रष्टाचार और बरती गई अनियमितताओं के कारण हुआ घोटाला है। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में सहकारी शूगर मिलों में रिकवरी 8 से 9 फीसदी दिखाई गई, जबकि वहीं निजी शूगर मिलों में रिकवरी 12-13 फीसदी रही।
पूर्व राज्य मंत्री के रिश्तेदारों की पैकेजिंग कंपनी को मिलता रहा टैंडर
कुंडू ने आरोप लगाया कि पूर्व राज्य मंत्री के परिवार की ही एक निजी पैकेजिंग कंपनी को अधिकारियों की मिली-भगत से नियमों को तोड़-मरोड़ कर लगातार टैंडर दिए जा रहे हैं। जिससे पानीपत डिस्टलरी में स्प्रिट और लिकर पैक हो रही। उन्होंने कहा कि बेहद घटिया क्वालिटी की पैकेजिंग के कारण लोगों को कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बना हुआ है।
पानीपत शूगर मिल में अधिकारी कर रहे करोड़ों का घाल-मेल!
कुंडू ने कहा कि पानीपत व डिस्टलरी यूनिट में जो प्लांट 3 करोड़ 25 लाख रुपए में लगना चाहिए था, वह लगभग 7 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। वहीं उन्होंने कहा कि इस प्लांट का उद्घाटन पूर्व राज्यमंत्री ने चार महीने पहले किया था। लेकिन आज तक यह प्लांट बंद पड़ा है। वहीं उन्होंने एक अधिकारी का नाम लेते हुए कहा कि जब इस अधिकारी को एमडी के तौर पर पानीपत लगाया गया तो उसने करोड़ों के प्लांट लगवाए, लेकिन उनमें से कोई भी प्लांट आज तक नहीं चला है। वहीं बंद पड़े प्लांटों के रख-रखाव, मुरम्मत का ठेका हर साल दिया जा रहा है।
करोड़ों रूपए के शीरे का अता-पता नहीं
- कुंडू ने आरोप लगाया कि 2016-17 वर्ष के दौरान सहकारी मिलों के 80 हजार क्विंटल शीरे का कोई अता-पता नहीं है।
- उदाहरण देते हुए बताया कि पानीपत की एक शूगर मिल से पाइप के द्वारा शीरा सीधा डिस्टलरी में जा रहा है।
- जहां अवैध शराब/स्प्रिट तैयार हो रही है और उसे ब्लैक मार्किट में बेचा जा रहा है।
- आरोप लगाया कि शराब बनाने और उसकी पैकेजिंग करने का टैंडर पूर्व राज्य मंत्री के रिश्तेदारों के पास है।
करनाल और पानीपत की शूगर मिलों की रिमोडिलिंग में 150 करोड़ का घोटाला
कुंडू ने आरोप लगाया कि पूर्व राज्य मंत्री के शासन काल में उनके विभाग ने करनाल और पानीपत की शूगर मिलों की रिमोडलिंग (फिर से तैयार करना) के लिए टैंडर मांगे। जिन एजेंसियों ने सबसे कम पैसों का टैंडर दिया, उसे ठुकरा कर अपने चहेतों को टैंडर दिया गया और सरकार को करीबन 150 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
कैथल की मिल में लगे कंप्यूटर कांटे में चिप से घोटाला
कुंडू ने अगले आरोप में कहा कि कैथल की शूगर मिल में 100 टन की क्षमता वाले कंप्यूटरीकृत कांटे में एक चिप लगाकर गन्ने और शीरे, चीनी आदि का घोटाला किया गया। वहीं कुंडू ने कहा कि शीरे का धंधा करने वाली मुख्य कंपनी एम/एस आहूजा बैरल सप्लाई कंपनी भी पूर्व राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर के रिश्तेदारों की ही है। वहीं इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज है, लेकिन 15 महीनों से पूर्व मंत्री के दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं कुंडू ने आरोप लगाया कि महम और रोहतक के साथ अन्य शूगर मिलों में भी पूर्व सहकारिता मंत्री की सहमति से उनके रिश्तेदारों की कंपनियों और अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए कई घोटाले किए गए हैं और भारी अनियमितताएं बरती गई हैं, जिससे प्रदेश को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है।
स्थानीय निकाय विभाग के हजारों करोड़ का घोटाला, एसआईटी के अधिकारी भी लिप्त
वहीं कुंडू ने कहा कि वे इस बात की सराहना करते हैं कि प्रदेश के स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने उनके द्वारा घोटालों की जानकारी देने के बाद एसआईटी का गठन करके जांच शुरू करवाई है। लेकिन एसआईटी टीम काफी कमजोर है और टीम में कुछ सदस्य ऐसे हैं, जो खुद भ्रष्टाचार के सवालों से घिरे रहे हैं। ऐसे में वे सही जांच करेंगे, इस पर उन्हें भरोसा नहीं है। इसलिए वे मंत्री अनिल विज से इस बाबत मिल कर दोबारा आग्रह करेंगे।
अभी जांच तो हो जाए, फिर कमी लगे तो सवाल उठाएं कुंडू : विज
- मंत्री अनिल विज ने बलराज कुंडू के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पहले जांच हो जाए, कुंडू उसके बाद सवाल उठाएं।
- अभी तो जांच होना बाक़ी है। अभी सवाल उठाना ठीक नहीं।
- वहीं उन्होंने कहा कि कोई भी विधायक भ्रष्टाचार की कोई शिकायत लाता है ।
- सरकार उस पर कड़ा संज्ञान लेगी और मामले की गंभीरता के अनुसार उस पर जांच बिठाई जाएगी।
- भ्रष्टाचार को यह सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।