त्योहारों के बाद दिल्ली में फिर से खुलेंगे 8वीं तक के स्कूल

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कोराना महामारी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आठवीं तक के सभी स्कूलों में बच्चों की मौजूदगी के साथ कक्षाएं फिलहाल संचालित नहीं की जाएंगी लेकिन आॅनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की 25वीं बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा विशेषज्ञों की राय के आधार पर प्रस्तुत रिपोर्ट की समीक्षा के बाद यह फैसला किया है। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार त्योहारों के बाद स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया, ताकि बाकी कक्षाएं पूरी की जा सके।

दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे

दिल्ली सरकार के मंत्रियों सत्येंद्र जैन एवं कैलाश गहलोत के अलावा नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल, भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव, एनसीडीसी के डॉ एस के सिंह समेत दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे। स्कूलों के अलावा दशहरा, दीवाली आदि त्योहारों में मेले, झूले, स्टॉल्स समेत गतिविधियों की इजाजत नहीं देने का फैसला बैठक में लिया गया, जिनकी वजह से लोगों की भीड़ उमड़ने की संभावना हो। कोविड-19 के संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करवाने के साथ-साथ कोविड का टीका लगाने पर जोर दिया गया। इसके अलावा लोगों को करोना के मद्देनजर सरकार द्वारा तय व्यवहार अपनाने के लिए लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया।

टैक्सी और बस चालकों को टीका लगाने पर जोर

बैठक में कोविड टीकाकरण के लिए रणनीति में बदलाव पर जोर दिया गया। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं कर्मचारी, स्कूल में शिक्षक और कर्मचारियों, आॅटो / टैक्सी और बस चालकों को टीका लगाने पर जोर दिया गया। यह भी फैसला लिया गया कि बुजुर्गों, दिव्यांगों और घरेलू सहायकों के लिए शिविरों और मोबाइल वैन के माध्यम से टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। कोविड के मद्देनजर संबंधित विभागों/एजेंसियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर बैठक में संतोष व्यक्त किया। साथ ही भविष्य में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में किसी भी प्रकार के उछाल को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए आवश्यक निदेर्शों के पालन पर जोर दिया गया। टेस्ट, ट्रैक, उपचार और टीकाकरण की रणनीति को जारी रखने का निर्णय लिया गया।

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