नागौर, जैसलमेर और पाली में मिले गुणवत्तायुक्त लाईमस्टोन एवं एसएमएस ग्रेड लाईमस्टोन के भण्डार

जयपुर (सच कहूँ न्यूज)। राजस्थान में खान, पेट्रोलियम एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कराये गये माइनिंग डिपोजिट्स एक्स्पलोरेशन सेंपल्स के रासायनिक परीक्षण में नागौर, जैसलमेर और पाली में खनिज लाईमस्टोन और एसएमएस ग्रेड लाईमस्टोन के गुणवत्तायुक्त भण्डार मिले हैं, इससे ई नीलामी के लिए छह नए ब्लॉक तैयार हो सकेंगे।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि इन परीक्षणों के तेजी के उत्साहजनक परिणाम प्राप्त होने लगे हैं और विभाग द्वारा पिछले एक महीने में 2386 सेंपल्स का रासायनिक परीक्षण कराया गया है जिसमें अब तक प्राप्त 2042 सेंपल्स के रासायनिक परीक्षण परिणामों से नागौर, जैसलमेर और पाली में खनिज लाईमस्टोन और एसएमएस ग्रेड लाईमस्टोन के गुणवत्तायुक्त भण्डार मिले हैं।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में विपुल खनिज भण्डारों के मद्देनजर खनिज खोज और खनन कार्य को गति देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा समय समय पर दिए गए निदेर्शों के क्रियान्वयन में विभाग द्वारा राजस्थान स्टेट मिनरल एक्स्पलोरेशन ट्रस्ट आरएसएमईटी के माध्यम से खनिज खोज, ड्रिलिंग और सेंपल्स परीक्षण कार्य को गति देने का योजनावद्ध क्रियान्वयन आरंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा पहले चरण में एनएबीएल एक्रिडिटेड प्रयोगशालाओं में रासायनिक परीक्षण के लिए 2386 सेंपल्स भिजवाएं गए हैं और इनके उत्साहजनक होने से इनसे संबंधित क्षेत्र नागौर में खनिज लाईमस्टोन के तीन, जैसलमेर में खनिज लाईमस्टोन एवं एसएमएस ग्रेड लाईमस्टोन के दो तथा पाली में खनिज लाईमस्टोन का एक ब्लॉक ई-नीलामी के लिए तैयार किए जा सकेंगे।

खोज कार्य में तेजी लाई जा सके

उन्होंने बताया कि विभागीय संशाधनों की कमी के मद्देनजर आरएसएमईटी के वित्तीय सहयोग से एनएबीएल एक्रिडेटेड प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं से ड्रिलिंग से प्राप्त सेंपल्स के परीक्षण का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय, तकनीकी, आधुनिकतम सुविधाओं और विशेषज्ञ मानव संसाधन की कमी के कारण हजारों की संख्या में सेंपल्स का परीक्षण नहीं होने के कारण कार्य प्रभावित हो रहा था। ड्रिलिंग से प्राप्त सेंपल्स के परीक्षण से खनिज की ग्रेड, कितनी गहराई में उपलब्धता, गुणवत्ता, भण्डारों की उपलब्धता आदि का आधुनिकतम तकनीक से परीक्षण होने से आॅक्शन के लिए समय पर ब्लॉक्स तैयार कर नीलामी की जा सकती है। इससे अवैध खनन पर रोक, वैध खनन को बढ़ावा, प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर नीलामी, राज्य के राजस्व में वृद्धि के साथ ही वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा दिया जा सकता है। आरएसएमईटी के मुख्य कार्यकारी एनपी सिंह ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गठित आरएसएमईटी के माध्यम से प्रदेश में अन्वेषण कार्य के लिए आधारभूत एवं वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि खोज कार्य में तेजी लाई जा सके।

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