नई दिल्ली (एजेंसी)। वन रैंक वन पेंशन नीति के तहत पेंशन भुगतान का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर साफ किया कि पेंशन के बकाया को किश्तों में देने के नोटिफिकेशन को वापस लेना होगा। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुनिश्चित करें कि रक्षा मंत्रालय कानून को अपने हाथ में लेने का प्रयास ना करें। 20 जनवरी के नोटिफिकेशन को वापस लिया जाए। उनको इस तरह स्वत: संज्ञान लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं करना चाहिए था, इसे वापस लें नहीं, तो सचिव को पेश होने को कहेंगे। पहले नोटिफिकेशन को वापस लेने दें। तभी केंद्र की पेंशन बकाया देने के लिए और समय देने की अर्जी पर सुनवाई करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से अगले सोमवार तक पेंशन बकाया के भुगतान को लेकर एक नोट मांगा है। इसमें बताया जाए कि कितना भुगतान बकाया है और इसके कितनी टाइमलाइन में चुकाया जाएगा। साथ ही ये बताएं कि बुजुर्ग या विधवा पेंशनर आदि को कैसे प्राथमिकता के तहत चुकाया जाएगा? इस मामले में 20 मार्च को अगली सुनवाई होगी।
दरअसल, सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकेटरमनी ने कहा कि उन्होंने एक अर्जी दाखिल की है। पेंशन बकाया भुगतान के लिए मंत्रालय को कुछ और समय चाहिए। 31 मार्च तर पहली किश्त चुका दी जाएगी। 27 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि ओआरओपी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना होगा। रक्षा मंत्रालय ने पेंशन मामलों के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांग पूछा था।
अदालती आदेश के बावजूद पेंशन किश्तों में देने का फैसला क्यों लिया गया? सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि हम अवमानना नोटिस जारी कर देंगे। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने दो टूक कहा था कि अदालती प्रक्रिया की शुचिता बनी रहनी चाहिए। यह युद्ध नहीं, बल्कि कानून के शासन की बात है। अपना घर व्यवस्थित करें। रक्षा सचिव अपना 20 जनवरी का नोटिफिकेशन वापस लें। अगर नहीं लिया तो हम रक्षा मंत्रालय को अवमानना नोटिस जारी करेंगे। वहीं, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से हुजेफा अहमदी ने कहा कि लगभग 4 लाख पेंशनभोगियों की मृत्यु हो चुकी है।
20 जनवरी जारी हुआ था ये नोटिफिकेशन
दरअसल 20 जनवरी को रक्षा सचिव ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि वो वन रैंक वन पैंशन के तहत पेंशन को चार किश्तों में देंगे।
15 मार्च तक भुगतान का दिया था आदेश
9 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र को कहा था कि 15 मार्च तक सभी को भुगतान किया जाए। इस दौरान एजी आर. वेंकटरमनि ने कहा था कि मैं व्यक्तिगत रूप से इस मामले की निगरानी रख रहा हूँ और इसे जल्द ही भुगतान किया जाएगा। 25 लाख पेंशनभोगी हैं। लिस्ट अंतिम स्क्रीनिंग के लिए मंत्रालय के पास आ गई है और यह रक्षा मंत्रालय की फाइनेंस शाखा के पास है।
किन्हें मिलती है ये पैंशन
दरअसल वन रैंक, वन पैंशन का भुगतान सशस्त्र बलों के उन कर्मियों को किया जाता है, जो समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक पर सेवानिवृत्त होते हैं, भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख कुछ भी हो। जुलाई 2022 में भारतीय सेना में लागू वन रैंक वन पेंशन को लेकर दायर पुर्नविचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था।
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