Symptoms Of Liver Damage: लिवर खराब होने के 8 शुरूआती लक्षण, समय पर पहचान लिया जाये तो जिगर को खराब होने से बचाया जा सकता है

Symptoms Of Liver Damage
Symptoms Of Liver Damage: लिवर खराब होने के 8 शुरूआती लक्षण

Symptoms Of Liver Damage: लीवर हमारे शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग होता है। बता दें कि लीवर खाने को पचाने के साथ-साथ ही शरीर को संक्रमण से लड़ने में भी मदद करता है। लीवर अगर कमजोर हो जाता है तो कमजोरी, भूख न लगना, उल्टी, नींद न आना जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। कुछ संकेतों की मदद से समझ सकते हैं कि लीवर डैमेज की शुरुआत हो चुकी है।

दरअसल कई लोग थोड़ा सा भी कुछ खा लेते हैं तो डाइजेस्ट नहीं कर पाते हैं। बता दें कि ऐसी समस्या उनका लीवर कमजोर होने की वजह से होती है। जैसे कि हमने पहले बताया है कि लीवर हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है। अगर लीवर कमजोर या डैमेज हो जाए तो ये काफी घातक हो सकता है। आपको बता दें कि कई बार लीवर का डैमेज होना जानलेवा साबित भी हो सकता है। लीवर अगर कमजोर हो जाता है तो कमजोरी, भूख न लगना, उल्टी, नी़ंद न आना जैसी समस्याएं होने लगती है। Symptoms Of Liver Damage

ऐसे में ये बेहद जरूरी होता है कि हम अपने लीवर का खास ख्याल रखें। लीवर में अगर कुछ भी गड़बड़ी होती है तो उसके संकेत पहले से ही मिलने लगते हैं। अगर उन्हें पहचानकर सही समय पर इलाज करा लिया जाए तो यह समस्या सही समय पर खत्म हो सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि लीवर हमारे शरीर का एक अंग है जो कि फुटबॉल के आकार का होता है। मायोक्लीनिक के अनुसार लीवर खाने को पचाने और टॉक्ंिसस पदार्थों को बाहर निकालने के लिए बेहद जरूरी अंग होता है। बता दें कि लीवर डिजीज जेनेटिक भी हो सकती है। ज्यादा वक्त तक लीवर डैमेज रहनें पर लीवर सिरोसिस होने का खतरा भी बढ़ जाता है। लीवर में गड़बड़ी होने पर कुछ शुरुआती संकेत दिखाई देने लगते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वे शुरुआती संकेत।

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Symptoms Of Liver Damage: लिवर खराब होने के 8 शुरूआती लक्षण

लीवर डैमेज होने के लक्षण | Symptoms Of Liver Damage

लीवर संबंधी समस्याएं कई कारणों से हो सकती हैं जैसे वायरस का संक्रमण, एल्कोहल और मोटापा। समय के साथ जब लीवर संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं तो ये लीवर फेल्योर की वजह भी बन सकती है। हालांकि लीवर का समय रहते इलाज करने पर समस्या ठीक हो सकती है। दरअसल लीवर खराब होने पर निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

त्वचा का रंग बदलना: अगर आपकी त्वचा खराब हो रही है या आपकी त्वचा का रंग बदल रहा है, तो यह लीवर खराब होने का पहला संकेत है। यदि आपकी त्वचा का रंग पीलिया के कारण पीला हो जाता है या नीले रंग के साथ पीला हो जाता है, या आपके नाखून या उंगलियां पीली हो जाती हैं और अगर यदि आंखों में पीलापन आ जाता है, तो परेशानी होने लगती है। आपके रंग में यह बदलाव इसलिए होता है क्योंकि शरीर में विषक्त पदार्थ एक अवधि में जमा हो जाते हैं, तो वे त्वचा के नीचे बिलीरुबिन विकसित करने का कारण बनते हैं, जिससे त्वचा का रंग खराब हो जाता है।

पाचन समस्या: अगर आपको बार-बार पेट फूला हुआ महसूस होता है और आप कब्ज से भी पीड़ित हैं? यानी अगर आप रोजाना अपच की समस्या से जूझते हैं तो यह तनावग्रस्त लीवर का संकेत है। इस दौरान सूजन के साथ आपको गैस और पेट दर्द का भी अनुभव हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पित्त भोजन को तोड़ने और आंतों को चिकनाई देने में असमर्थ होता है।

शरीर में दर्द की समस्या: लीवर रक्त को शुद्ध करता है और नया रक्त भी बनाता है। लेकिन तनाव में रहने पर लीवर मांसपेशियों, ऊतकों और टेंडनों को नया रक्त प्रदान करने में असमर्थ हो जाता है। यह हमारे लचीलेपन को नुकसान पहुंचाता है, जिससे पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है और यहां तक कि आंखें भी सूखी हो जाती हैं। इस तरह के दर्द के लगातार होने से थकावट हो जाती है।

थकान: यदि आप हर समय थका हुआ महसूस करते हैं, तो यह थकान दीर्घकालिक थकान हो सकती है और यह एक स्पष्ट संकेतक हो सकता है कि लीवर तनाव में है। लीवर तनाव महसूस करता है क्योंकि शरीर क्षति की मरम्मत के लिए बहुत मेहनत करता है, जैसे-जैसे शरीर और टाइम काम करता है। यह अन्य अंगों पर भी दबाव डाल सकता है और इसीलिए इसके परिणामस्वरूप थकान होती है। इस समय अपने लीवर की जांच कराना सबसे अच्छा है।

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गहरे रंग का मूत्र: इन दिनों फास्ट फूड की संस्कृति और अल्कोहल फैटी लीवर रोग के कारण लीवर को नुकसान पहुंचा रही है। परिष्कृत चीनी और फास्ट फूड आहार से परहेज करें, शाम से पहले खाने से लीवर में वसा संचय को रोकने में बहुत मदद मिलती है, जो लीवर तनाव के लक्षणों को कम कर सकती हैं।

मूड में बदलाव: दरअसल मूड में बदलाव तब होता है जब हम दुखी या तनावग्रस्त होते हैं। इसलिए जब हमारे लीवर पर तनाव होता है तो यह हमारे भावनात्मक स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है। बता दें कि लीवर खराब होने पर गुस्सा, अधीरता, चिड़चिड़ापन और अवसाद जैसी भावनाएं और लक्षण दिखाई देते हैं। इससे भी बुरी बात यह है कि यह आपका निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और दिमाग की धुंध का कारण बन सकता है। इसका परिणाम आक्रामकता और बुरा विस्फोट हो सकता है।

भूख न लगना: भूख न लगना लीवर डैमेज होने का एक और संकेत है, यानी लीवर संकट की एक और चेतावनी संकेत भोजन में बहुत कम या बिलकुल भी रुचि न होना है। भूख न लगना हमेशा किसी अंत: निरस्वास्थ्य स्थिति का संकेत होता है और इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

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अनियमित नींद चक्र: यद्यपि तनावग्रस्त जीवन शैली जीने के कारण सहस्त्राब्दी पीढ़ी में अनियमित नींद का पैटर्न एक आम बात है। बता दें कि एक अध्ययन में पाया गया है कि लीवर सिरोसिस कई रोगियों में असामान्य नींद के पैटर्न के लिए जिम्मेदार रहता है।

अन्य संकेत: तनावग्रस्त लीवर पूरे शरीर के कार्य को प्रभावित करता है इससे कानों में घंटियां बजना, अनिद्रा, चक्कर आना, धुंधली दृष्टि, एलर्जी, सेक्स ड्राइव में कमी, आंतरिक या आंतों में रक्त स्त्राव, रसायनों के प्रति संवेदनशीलता, पीएमएस, अत्यधिक वजन घटना और स्पाइडर वेन्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

नोट: लेख में दी गई जानकारी आपकी सामान्य जानकारी के लिए है। कोई भी जानकारी अमल में लाने से पहले किसी स्पेशलिस्ट से संपर्क अवश्य करें। सच कहूँ इसकी पुष्टि नहीं करता है।