इंडो-पैसिफिक क्षेत्र संपूर्ण विश्व में शांति व समृद्धि को बढ़ावा देने में निभा रहा अहम भुमिका: गीतिका

Indo Pacific Region

नीली अर्थव्यवस्था पर करोड़ों लोगों का जीवन निर्भर: मोहम्मद खुर्शीद

  • इमरजिंग इंडो पैसिफिक कंस्ट्रक्ट्स प्रोस्पेक्ट एंड चैलेंज विषय पर हुई अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस

कुरुक्षेत्र(सच कहूँ, देवीलाल बारना)। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंडो पैसिफिक स्टडीज द्वारा सीनेट हाल में इमरजिंग इंडो पैसिफिक कंस्ट्रक्ट्स प्रोस्पेक्ट एंड चैलेंज विषय पर अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें इंडो-पैसिफिक, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की संयुक्त सचिव गीतिका श्रीवास्तव, दक्षिण अफ्रीका के राजदूत अनिल सूकलाल, पूर्व भारतीय राजदूत डॉ. संजय पांडे, बांग्लादेश से समुद्री मामलों के सचिव मोहम्मद खुर्शीद आलम, मुख्यमंत्री के सलाहकार पवन चौधरी मुख्य रूप से पहुंचे। यहां पहुंचने पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने अतिथियों का स्वागत किया। इंडो-पैसिफिक, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की संयुक्त सचिव गीतिका श्रीवास्तव ने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र की सुदृढ़ एवं धारणीय आर्थिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र विश्व में आर्थिक विकास का गुरुत्वाकर्षण केंद्र बना हुआ है।

यह क्षेत्र विश्व के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने वाले एक इंजन के तौर पर कार्य कर सकता है। हिंद प्रशांत के साथ स्तंभों की बात करते हुए उन्होंने समुद्री सुरक्षा, समुद्री पारिस्थितिकी, समुद्री संसाधन, क्षमता निर्माण, और संसाधन साझा करना, आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शैक्षणिक सहयोग, व्यापार संपर्क और समुद्री परिवहन के विकास पर जोर दिया। दक्षिण अफ्रीका के राजदूत अनिल सूकलाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जल सेना में आईएनएस विर्कंत लॉन्च करके जल सेना की नीव को और अधिक मजबूत किया है। कुरुक्षेत्र की धरा गीता के ज्ञान के लिए प्रसिद्ध है जिसे महात्मा गांधी ने भी ग्रहण किया था और महात्मा गांधी से प्रेरित होकर नेल्सन मंडेला ने साउथ अफ्रीका में स्वतंत्रता आंदोलन को सफल बनाया। इस प्रकार मेरी उम्मीद है कि यह अंतरराष्ट्रीय हिंद-प्रशांत अध्ययन केंद्र भी विश्व में शांति और सहयोग के क्षेत्र में बहुत अच्छी भूमिका निभाएगा।

सम्मेलन में उन्होंने की शिरकत

सम्मेलन में विशिष्ट अतिथियों में रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद खुर्शीद आलम, सचिव समुद्री मामलों की इकाई, विदेश मंत्रालय बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका से दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स शेरपा, आईबीएसए (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका) शेरपा एवं एम्बेसडर अट लार्ज अनिल सूकलाल, राजदूत संजय पांडा, तुर्की में पूर्व राजदूत, सेशेल्स में उच्चायुक्त, महावाणिज्यदूत सैन फ्रांसिस्को, श्री सेड्रिक क्रॉली, उप उच्चायुक्त, दक्षिण अफ्रीकी दूतावास, नई दिल्ली, फिरदौस दहलान (इंडोनेशिया), सेंटर फॉर इंडोनेशिया-मलेशिया-थाईलैंड ग्रोथ ट्राएंगल (आईएमटी-जीटी), मलेशिया के निदेशक, मीनाक्षी डाबी हौजरी, निदेशक विदेश मंत्रालय, मॉरीशस गणराज्य, पवन चौधरी, मुख्यमंत्री के सलाहकार, हरियाणा, विदेश सहयोग विभाग, चंडीगढ़, भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल आरके धवन, राजदूत राजीव कुमार भाटिया (सेवानिवृत्त), विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, एमेरिटस प्रोफेसर डेनिस रुमली, कर्टिन यूनिवर्सिटी आॅस्ट्रेलिया आदि ने भी भाग लिया।

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