राम-नाम का नशा घरों में स्वर्ग बना देता है

बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरमाया कि घोर कलियुग में ऐसा समय चल रहा है कि गर्ज स्वार्थ के बिना कोई बात करना पसंद नहीं करता। फिर इन्सान सोचता है कि ये कैसे संभव है कोई बिना गर्ज के राम-नाम की चर्चा करे, काई बिना गर्ज के लोगों का नशा छुड़वाने के लिए उनको लेकर आये तो ये नशा छुड़वाना, बेगर्ज राम-नाम से जोड़ना ये भक्तों का काम होता है। जो खुद परम पिता परमात्मा से जुड़के बहुत सारी खुशियां हासिल कर लेते हैं। संत, पीर, फकीर उन्हें सीखाते है जो खुशियां आपने हासिल की है। वो ही ख्ुाशियां आप दुसरों को दिलवाये। संत कभी ये नहीं कहते कि आप स्वार्थी बनो, आप गर्जी बनो, बल्कि संत बेगर्ज और नि:स्वार्थ भावना से प्यार का संदेश देते हैं।

यह भी पढ़ें:– दूसरों के गुणों को देखोगे तो आपके अंदर आ जाएंगे

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज समाज में नशे का, खुदगर्जी का बुराइयों का बहुत ही बोलबाला है और इसकी वजह है कि आज इन्सान धर्म का दिखावा तो जरूर करता है। पर मानने वाले बहुत कम होते जा रहे हैं। वरना कोई भी हमारा धर्म हमें ये शिक्षा नहीं देता, कि आप नशा करो। चुगली, निंदा बुराइयां करो, किसी को गलत बोलो, बहस करो, झगड़ा करो किसी भी धर्म में ऐसी शिक्षा नहीं है। फिर भी आप देखते होेंगे आपके शहरों में आपके गांवों में ठेके हैं, नशे की दुकानें है और उनमें नशा लेने वालों की कतारें लगी होती है। जब हमारे धर्म हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई हमने अच्छे से पढ़ा, दिल से मानते हैं और हकीकत है कि उनमें एक-एक शब्द सच है और उनमें साफ लिखा है नशा नहीं करना। नशा जहर है। नशा शैतान का पानी है। नशा राक्षसों का खाना पिना है।

नशा समाज को बर्बाद कर रहा है

नशा शरीर को, घर को, समाज को बर्बाद करता है और देश के लिए वो इन्सान बोझ बन जाता है। ये हमारे धर्मों में साफ स्पष्ट लिखा हुआ है फिर भी जो कतार में लगे होते हैं या चुपके-चुपके नशा करते हैं जरा सोच के देखिये कौन से धर्म को फॉलो कर रहे हैं। आज मैं धर्म का हूं। पर धर्म को मानता नहीं हूं। ये बात ज्यादा लागू होती है। अगर आप सच्चे दिल से धर्म की बात मान लो आज मानो अगले ही पल इस धरती पर प्यार मोहब्बत की गंगा बहने लग जाएगी। क्योंकि धर्मों में बेर्गज नि:स्वार्थ भावना से प्रेम करना सिखाया है। लड़ाई, झगड़ा, नफरत, निंदा, चुगली ये कौन से पुरान में लिखा है हमारे पवित्र वेद बाकी सभी के पवित्र गं्रथ सच बताते हैं। कभी किसी को बुरा ना कहो। कभी किसी की निंदा ना करो।

आप दूसरों को बुरा कहते हैं क्या आपमें कोई बुराई नहीं। दूसरों को गलत कहते हैं क्या आपने कोई गलत कर्म नहीं किया। दूसरों में कमियां ढूंढते हैं, क्या आप परफेक्ट है अगर नहीं तो यकीन करो अपने अंदर की कमियों को दूर करो। अपने अंदर कमियां देखों। जो आप अपने अंदर देखते हो वो चला जाता है और जो दूसरों में देखते हो, वो आपके अंदर आ जाता है। इसलिए अपने अंदर की कमियों को देखों, अवगुणों को देखों ताकि वो चले जाएं और दूसरों के अंदर गुणों को देखों ताकि वो आपके अंदर आ जाए। लेकिन आप दूसरों में बुराइयां देखते हैं। दूसरों की बुराइयां गाते हैं तो वो आपके अंदर लाजिमी आएंगी और खुद की मान बड़ाई करते हैं। खुद के गुणों का बखान करते हैं। वो आपके अंदर से चले जाएंगे।

ये असुल है धर्मों का, संत-पीर फकीरों का कि जितना हो सके समाज से नि:स्वार्थ भावना से प्रेम करो। बेर्गज प्यार करो। कोई बीमार है उसका इलाज करवा दीजिए। भूखे को खाना खिलवा दीजिए, प्यासे को पानी पिलवा दीजिए। कपड़े नहीं किसी के पास कपड़े दिलवाइये और आज के टाइम में अगर कोई बच्चा पढ़ाई करना चाहता है पर संसाधन नहीं है उसके पास तो उसके पढ़ाई के लिए इंतजाम कर दीजिए। यकीन मानो ये बहुत बड़ा और सच्चा दान है। हमारे पवित्र वेदों में लिखा है कि नर सेवा नारायण सेवा अगर आप इन्सानों की सेवा करते हैं इनड्रक्टली आप परम पिता परमात्मा की सेवा करते हैं। अगर आप सृष्टि का भला करते हैं एक तरह से प्रभू की औलाद का भला करते हैं।

अगर आप उसकी औलाद का भला करेंगे

उदाहरण दिया करते हैं। मालिक ऐसा ना करें, पर कभी किसी का बेटा, किसी परेशानी में फंसने वाला था। एक्सिेंडेंट होने वाला था और आपने उस बच्चे की जान बचा दी। चोट लगने से बचा लिया। पकड़के एक तरफ खींच लिया और गाड़ी के नीचे आने से बच गया। आप बच्चे से नाम पूछके उसके घर लेके जाते हैं। और बच्चा बताता है कि पापा, माँ आज इस भाई, अंकल ने जान बचाई, आपके अंदर अगर इन्सानियत है, मानवता जिंदा है तो आप उसका धन्यवाद करेंगे। उसको खिलाये पिलाये बगैर जानें नहीं देंगे। और यहां तक कि कुछ ना कुछ ईनाम देने की कोशिश करेंगे तो ध्यान से सुनिये आपके बच्चे की रक्षा करी। आपके बच्चे को परेशान होने से, चोट लगने से किसी ने बचाया तो आप इन्सान उस इन्सान की मदद करते हैं, सहायता करते हैं और उसे ईनाम देने जाते हैं। उसे खाना खिलाके भेजते हैं।

जरा सोचिये, एक आदमी अपने बच्चे की जान बचाने की एवंज में बदले में दूसरे के लिए कितनी भावना और लंबा रिश्ता भी कर्इंयों का बन जाता है इस वजह से। सोचने वाली बात है। इन्सान की औलाद को बचाया। इन्सान अगर ईनाम देता है, खाने-पीने का सामान देता है। जरा सोचिए पूरी सृष्टि भगवान की औलाद है। अगर आप उसकी औलाद का भला करेंगे तो क्या भगवान छुपाके रखेंगे। मानस मजदूरी देत है, क्या राखे भगवान। अरे मानस के जगह कोई जाके काम करे तो उसको मजदूरी देते हैं, दिहाड़ी देते हैं। कोई सरकारी दिहाड़ी ले रहा है कोई प्राइवेट ले रहा है। जब आप काम करते हैं किसी फैक्ट्री में, किसी के कॉलेज में, किसी की यूनिवर्सिटी में, किसी की दुकान पे, किसी के व्यापार में तो आपको सैलरी मिलती है। मानस मजदूरी देत हैं। मानस दूसरे मानस को मजदूरी देता है। तो क्या राखे भगवान अगर भगवान की औलाद का भला करोगे, प्रभु की सृष्टि का भला करोगे तो प्रभु छुपाके नहीं रखेंगे बल्कि अंदर बाहर से खुशियों से मालामाल कर देंगे।

नशे के कारण छोटे-छोटे बच्चे तड़फ के मर रहे हैं

क्योंकि आदमी चंद रूपया दे सकता है। खाने-पीने का सामान दे सकता है। भगवान तो आपकी तकदीर बदल सकता है। आपका भाग्य बदल सकता है। इसलिए दीन: दुखियों की मदद किया करो। और समाज में अगर कोई दु:खी है तो उसकी मदद करो जाके। और आज समाज में सबसे बड़ा दु:ख और वैसे भी अगर देखिये समाजिक सबसे बड़ा दु:ख होता है। मां-बाप बैठे हो और उनका जवान बेटा उनके हाथों में दम तोड़ दे अपने समाज में, अपने कल्चर में इससे बड़ा दु:ख मां बाप के लिए दूसरा नहीं होता। हमने बहुत जगहों पर सत्संग किये। अपने ही देश में नशे ने इतना मक्कड़ जाल कस लिया है। बहुत जगहों पे छोटे-छोटे नौजवान, बच्चे तड़फ-तड़फ के मरते हैं और मां बाप के दुख की कोई सीमा नहीं रहती।

पूरे वर्ल्ड में ये हो रहा है, पूरी दुनियां में ये हो रहा है। तो अगर आपने उन बच्चों को ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु राम के नाम से जोड़के उनका नशा छुड़वा दिया तो उन मां-बाप की जो आशीष है, उनकी दुवायें है वो आपको मिलेगी, भगवान जी भी कोई कमी नहीं छोड़ता। तो इसलिए सेवादार जाते हैं आपके आगे हाथ जोड़ते हैं कि आइये तो सही ओम, राम, गॉड, खुदा, रब्ब ईश्वर की याद में बैठिये तो सही, क्योंकि जैसे-जैसे आप बैइते जाएंगे, भक्ति से जुड़ेंगे अरे जुड़ते ही आपका नशा दूर हो जाएगा।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।