तीन लाख रुपये में दो बच्चियां बेचने की थी डील, तीन धरे

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पुलिस ने एक टैक्सी चालक की सहायता से किया भंडाफोड़

गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय मेहरा)। दिल्ली से चोरी करके अलवर में दो नवजात बच्चियों को बेचने के लिए तीन लाख रुपये में डील तय थी। इससे पहले कि वे ऐसा कर पाते, एक टैक्सी चालक की सूझबूझ से पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसीपी क्राइम प्रीतपाल ने शनिवार को बताया कि पुलिस आयुक्त की ओर से टैक्सी चालक को 25 हजार रुपये व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

शनिवार को पुलिस थाना डीएलएफ फेस-3 गुरुग्राम में उमेश लौहिया पुत्र बिशम्बर निवासी नाथूपुर गुरुग्राम ने बताया कि वह टैक्सी चालक है। दिल्ली से अपने गांव नाथूपुर गाड़ी से आ रहा था। जब वह धौला कुआं के पास पहुंचा तो दो महिलाओं ने गाड़ी रुकवाने का इशारा किया। दोनों की गोद में नवजात बच्चे थे। उनके साथ एक व्यक्ति भी था। उन्होंने उससे इफको चौक गुरुग्राम में छोड़ने के लिए कहा। धौला कुआं से थोड़ी दूर चलने के बाद उन्होंने कहा कि क्या वह उन्हें अलवर छोड़ सकता है।

इसकी हामी भरते हुए ड्राइवर उमेश लोहिया ने तीन हजार रुपये किराया बताया। गाड़ी में बैठे व्यक्ति ने कहा कि वह उसे चार हजार रुपये देगा। पहले उन्हें अलवर तक ले जाए और फिर वापस दिल्ली के मंदिर रघवीर नगर छोड़ दे। वह उन्हें लेकर अलवर चल दिया। इसके कुछ देर बाद महिला ने कहा कि उन्हें अलवर नहीं जाना और गाड़ी वापस मुड़वा ली। ड्राइवर को कुछ संदेह हुआ कहीं वे बच्चे चोरी करके तो नहीं आए। ड्राइवर दोनों महिलाओं व व्यक्ति को गाड़ी में बिठाए हुए ही डीएलएफ फेज-3 पुलिस थाना गुरुग्राम पहुंच गया। जहां उन्हें काबू करके पूछताछ शुरू की गई।

जहां अच्छी कीमत मिलती, वहीं बच्चे बेच देते

थाना के निरीक्षक मनोज कुमार के मुताबिक आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि वे अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बच्चों को चोरी करते हैं। जहां इन्हें अच्छे रुपए मिलते हैं, वही पर बच्चों को बेच देते है। इनके कब्जा से बरामद हुई दोनों बच्चियां इन्हें इनके साथियों ने दिल्ली से चोरी करके दी थी। इन बच्चियों को तीन लाख रुपयों में अलवर में बेचने के लिए डील तय की हुई थी। रुपए कम करने के कारण इनकी डील कैन्सिल हो गई। आरोपियों की पहचान सुरिन्द्र कौर पत्नी दलबीर सिंह निवासी रणजीत ट्रांसपोर्ट नगर अलवर राजस्थान, नेहा पत्नी हेमन्त कुमार निवासी रोहिणी दिल्ली और हरजिन्द्र सिंह पुत्र अमोलक सिहं निवासी गांव दोगंडी जिला अलवर के रूप में की गई है। आरोपियों से पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला कि वे वर्ष 2014 से बच्चे चोरी करके बेचने का काम कर रहे हैं।

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