रोहतक नगर निगम हाऊस की बैठक में जमकर हुआ हंगामा, अधिकारी बीच में बैठक छोड़कर निकले

Rohtak Municipal Corporation Sachkahoon

पार्षदों का आरोप : अधिकारी नहीं करते कोई भी सुनवाई, जनता परेशान

  • बैठक में सर्वसम्मति से अधिकारियों के निलंबन के प्रस्ताव का लिया निर्णय

रोहतक (सच कहूँ/नवीन मलिक)। जिला विकास भवन में हुई नगर निगम (Municipal Corporation) हाऊस की बैठक हंगामेदार रही है। पार्षदों व कुछ विभागों के अधिकारियों के बीच जमकर बहस हुई। पार्षदों ने अधिकारियों पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया, जिसके बाद अधिकारी बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए। बैठक में सर्वसम्मति से पार्षदों ने अधिकारियों के निलंबन के प्रस्ताव का निर्णय लिया और कहा कि जब तक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कारवाई नहीं होती है पार्षद दोबारा से बैठक में शामिल नहीं होंगे। मंगलवार को नगर निगम हाऊस की बैठक मेयर मनमोहन गोयल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में निगम कमीशनर नरहरि सिंह बांगड, सीनियर डिप्टी मेयर राजकमल सहगल, डिप्टी मेयर अनिल कुमार व सभी वार्डों के पार्षद सहित विभिन्न विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहे। सर्वप्रथम कोरोना से मरने वाले लोगों को हाऊस की बैठक में दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई।

बैठक में शहर के विकास व जनता की मूलभूत समस्याओं को लेकर एजेंडे रखे गए, तभी डिप्टी मेयर अनिल कुमार ने पब्लिक हेल्थ विभाग के अधिकारियों पर पार्षदों की न सुनने का आरोप लगाया।  डिप्टी मेयर के समर्थन में कई वार्डों के पार्षद भी उतर आए। डिप्टी मेयर ने कहा कि अधिकारी कहते है कि वह किसी पार्षद को नहीं जानते हैं और विकास कार्यों को लेकर बहाने बाजी करते हैं, जब विकास कार्यों के लिए सीएम विंडों पर शिकायत की जाती है तो अगले दिन ही वह कार्य पूरा हो जाता है। आखिर उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि एक चुने हुए जन प्रतिनिधि के साथ अधिकारियों का ऐसा रवैया तो आम जनता के साथ अधिकारी कैसा बर्ताव करते होंगे। वार्ड नंबर आठ के पार्षद ने भी बैठक के बीच में भी विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जब उनसे काम करने के लिए कहा जाता है तो अधिकारी कहते हैं कि तुम्हारे पेट में क्यों दर्द हो रहा है, ऐसे में आला अधिकारियों का व्यवहार ठीक नहीं है।

बैठक में हंगामा होते देख अधिकारियों ने भी अपनी सफाई दी और कहा कि विकास कार्यों में कोई भी भेदभाव नहीं किया जा रहा है और पार्षदों द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह निराधार हैं। इसी बीच हंगामा बढ़ता देख अधिकारी बैठक छोड़कर चले गए। वार्ड नंबर आठ के पार्षद ने कहा कि जनता ने उन्हें चुना है और वह अपनी परेशानियां उन्हें बताते हैं, लेकिन बड़े दुख की बात है कि अधिकारी ही उनकी नहीं सुनते है तो ऐसे में जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बैठक में पार्षदों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जब तक लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कारवाई नहीं होती है, तब वह बैठक में शामिल नहीं होगे। सीनियर डिप्टी मेयर राजकमल सहगल ने भी पार्षदों का समर्थन किया।

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