15 गांंव लाभांवित, 2 गांवों में अभी तक नहीं पहुंचा पानी

Water not reached in 2 villages yet

तेल शोधक कारखाने की पाईप लाईन बन रही बाधक

ओढां सच कहूँ/राजू। पूर्ववर्ती सरकार में स्वीकृत हुई रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल किसानों के लिए (Water not reached in 2 villages yet) वरदान साबित हो रही है। जो किसान कभी सिंचाई पानी के लिए तरस रहे थे उन किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। लेकिन नुहियांवाली व रत्ताखेड़ा के किसान अभी भी इससे वंचित है। किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें भी अन्य गांवों की तरह शीघ्र ही सिंचाई पानी मिलेगा। लेकिन अधिकारी पिछले लंबे समय से महज आश्वासनों की सिंचाई देते आ रहे हैं।

जिसके चलते दोनों गांवों के किसानों में विभाग के प्रति रोष देखा जा रहा है। दरअसल कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किसानों की मांग पर रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल स्वीकृत हुई थी। इस चैनल से 17 गांवों की करीब 26 हजार एकड़ भूमि सींचित होनी है।

गांव चामल से लेकर घुंकावाली रकबा तक रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल का पानी पहुंच चुका है। लेकिन नुहियांवाली, राजपुरा व रत्ताखेड़ा तक पानी न पहुंचने की वजह पंजाब जा रही तेल शोधक कारखाने की पाईप लाईन है। अधिकारियों के मुताबिक इस कार्य में सबंधित विभाग की स्वीकृति के कारण कार्य में देरी आई है। लेकिन अब इसके टेंडर हो चुके हैं। उम्मीद है कि जल्द ही समस्या का हल हो जाएगा। जिसके बाद चैनल के अंतिम छोर तक पानी पहुंच जाएगा।

करीब 26 हजार एकड़ भूमि होनी है लाभांवित

वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुपेन्द्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह के प्रयासोें से ये खरीफ चैनल स्वीकृत हुई थी। जिसके लिए 17 गांवों की करीब 226 एकड़ भूमि अधिग्रहण की गई। इसके निर्माण के लिए 71.79 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई थी। करीब 46 किलोमीटर के क्षेत्र में बनने वाली खरीफ चैनल पर विभाग ने 2 हैड रेगूलेटर, 32 पुल, 11 चैनल क्रॉसिंग व करीब 209 खाल क्रॉसिंग बनाए गए। रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल से करीब 25 हजार 702 एकड़ भूमि लाभांवित होगी।

‘‘कांग्रेस के कार्यकाल में हमनें रत्ताखेड़ा, तिगड़ी व कालुआना खरीफ चैनल स्वीकृत करवाई थी। लेकिन भाजपा सरकार ने इन प्रोजेक्ट पर कोई रूचि नहीं दिखाई। इसी का नतीजा है कि किसान आज भी सिंचाई पानी से वंचित है। नुहियांवाली से घुंकावाली के मध्य जो सायफन की समस्या आ रही है, उसके लिए हमनें सबंधित विभाग व सरकार को कई बार अवगत करवा दिया, लेकिन कोई रूचि नहीं दिखाई जा रही। इसका कारण यही है कि सरकार किसानों की समस्या को लेकर संजिदा नहीं है।

-डॉ. केवी सिंह, पूर्व ओएसडी।

‘रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल में जो तेल शोधक कारखाने की पाईप की समस्या है। उसके लिए पंजाब क्षेत्र के अधिकारियों की स्वीकृति की वजह से दिक्कत आ रही है। पाईप के नीचे से सायफन बनाने का कार्य का टेंडर हो चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा।

-डी.के गर्ग, एसडीओ (सिंचाई विभाग)।

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