मौसम परिवर्तन: मार्च के उत्तरार्द्ध में ही पारा 43 तक पहुंचा

Weather change sachkahoon

गर्मी की तल्खी से आमजन हलाकान

  • लस्सी, दही, शीतल पेय, नींबू पानी, शरबत का बढ़ने लगा प्रयोग

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। होली के हुड़दंग के उपरांत मौसम में एकाएक बदलाव (Weather Change) देखने को मिल रहा है। लोगों की दिनचर्या में भी समय के साथ परिवर्तन दिखाई दे रहा है। सुबह 7 बजे ही धूप का नजारा देखने को मिलने लगा और दोपहर होते होते तो इतनी गर्मी बढ़ जाती है कि बाजार में निकलना मुश्किल हो जाता है। मौसम की नजाकत को देखते हुए लोगों ने अपना शेड्यूल भी बदला है और सुबह जल्दी ही लोग घरों से निकल जाते हैं ताकि तपिश और सूरज की किरणें परेशान न करें।

सिर पर सफेद कपड़ा बांधकर लोग वाहन चलाते देखे जा सकते हैं। खाने पीने में भी अब लोग ठंडी चीजों को पसंद कर रहे हैं। लस्सी, दही, शीतल पेय, नींबू पानी, शरबत, सलाद आदि का प्रयोग किया जा रहा है। आइसक्रीम का भी चलन बाजारों में देखा जा रहा है। बदलते मौसम में स्कूलों के समय का निर्धारण भी बदला है और सुबह जल्दी कक्षाएं लग रही हैं। सिंथेटिक कपड़ों की जगह सूती व खादी का प्रयोग बढ़ गया है। बाजारों में विंटर सिलेक्शन की सेल लगी हुई है ताकि बाकी बचा माल निकाला जा सके।

इसी प्रकार नए सीजन के कपड़े और फुटवीयर्स की रेंज भी बाजार में उपलब्ध हो गई है। रोस्टेड व फास्ट फूड की बजाय लोग अब हल्का फुल्का खाने को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। सुबह सवेरे पार्कों में भी लोगों की संख्या बढ़ रही है। छोटे बच्चे भी एक्सरसाइज आदि के लिए पार्कों में जा रहे हैं।

जल संरक्षण पर ध्यान दें

जनस्वास्थ्य विभाग ने बढ़ती गर्मी के प्रभाव को देखते हुए जल संरक्षण की ओर ध्यान देने को कहा है। साथ ही सब लोगों को पर्याप्त जल सेवा मिल सके इसके लिए भी प्रबंध किए जा रहे हैं। लोग पशु पक्षियों के लिए पानी की डिग्गियां और सकोरे लगा रहे हैं ताकि गर्मी में पशु पक्षी प्यासे न रहें। अपने घरों में भी लोगों ने पानी का स्टोरेज करना शुरू कर दिया है।

दिन रात को चलने लगे पंखे और कूलर

मौसम (Weather Change) में गर्मी बढ़ने के साथ ही घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पंखे और कूलर चलने शुरू हो गए हैं और ऐसा ही रहा तो जल्दी ही एसी का प्रयोग भी शुरू हो जाएगा। किसानों का कहना है कि एकाएक बढ़ी गर्मी गेहूं के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। आम तौर पर होली के समय ठंडक रहती है लेकिन इस बार होली पर्व पर पूरी गर्मी का प्रभाव रहा। गर्मी के कारण फसलों पर बिजली की आग लगने की आशंका भी बढ़ जाती है।

मार्च के उत्तरार्द्ध में ही तापमान 43 डिग्री के आसपास पहुंच गया है। मई और जून के महीनों की कल्पना की जा सकती है। बहरहाल, चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी से बच्चों और वृद्धों को बचाकर रखें और धूप में न निकलने दें। हीट स्ट्रोक हो सकता है। फलों का सेवन भी ध्यानपूर्वक करें।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।