किसानों के अरमानों पर आफत के ओले

Weather News
बदलते मौसम के कारण भी गर्मी में कई जगहों पर आसमान से ओले भी गिरे हैं।
  • गाँव खुईयांनेपालपुर, पीरखेड़ा, भागसर, पन्नीवाला मोटा, खाईशेरगढ़, छतरियां, बडागुढ़ा, साहुवाला प्रथम सहित आसपास के क्षेत्रों करीब 15 मिनट तक ओलावृष्टि | Storm
  • गेहूँ और सरसों की फसलों को 40 से 50 फीसदी तक नुकसान | Weather News

सरसा/ओढां। (सुनील वर्मा/राजू) कहावत है कि अगर तकदीर (Weather Forecast Today)  में नहीं लिखा तो ईश्वर दिया हुआ भी छीन लेता है। ऐसा ही कुछ इस समय घटित हो रहा है किसानों के साथ। मौसम की मार के आगे बेजार हुए किसान ईश्वर से रहम की गुहार लगा रहे हैं। (Sirsa) खेतों में सरसों की फसल की कटाई व कढ़ाई का काम चल रहा है तो वहीं गेहूं की फसल भी अंतिम पड़ाव में चल रही है। ऐसे में मौसम की मार ने किसानों की जान सांसत में डाल दी है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद शुक्रवार सुबह 6 बजे आसमान में घने काले बादल छाने के साथ-साथ तेज हवाएं चलीं। देखते ही देखते बरसात शुरू हो गई। सरसा जिले के गाँव खुईयांनेपालपुर, पीरखेड़ा, भागसर, पन्नीवाला मोटा, खाईशेरगढ़, छतरियां, बडागुढ़ा, साहुवाला प्रथम, बीरूवालागुढ़ा सहित आसपास के क्षेत्रों में तेज बरसात व तेज हवाओं के साथ करीब 15 मिनट तक ओलावृष्टि होने की सूचना है।

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ओलावृष्टि से गेहूँ व काटकर रखी गई सरसों की फसल में करीब (Weather News) 40 से 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। वहीं अन्य गाँव में भी तेज बरसात व हवाएं चलने से फसलों को नुकसान पहुंचा है। इससे करीब 5 दिन पूर्व भी हुई बरसात Rain व तेज हवाओं के चलते गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा था। मौसम विभाग ने पहले 17 से 21 मार्च तक बरसात व तेज हवा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया था तो वहीं 24 मार्च को बरसात व ओलावृष्टि को लेकर ओरेंज अलर्ट जारी किया था। मौसम विभाग के मुताबिक पूरा प्रदेश पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में है, जिसके चलते 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से हवाएं चल सकती हैं। इसके अलावा ओलावृष्टि की भी चेतावनी दी गई है।

इसके अलावा जिले के गाँव नेजिया, बाजेकां, कंगनपुर, वेदवाला, हांडीखेड़ा, धिंगतानिया, रंगड़ी, खाजाखेड़ा, नटार, शाहपुर बेगू, डिंग मंडी आदि गाँवों में बरसात व तेज हवाओं के चलते गेहूं, सरसों व चने की फसले जमीन पर बिछ गई। वहीं जिला के गांव खारिया, महमदपुरिया, बालासर, भड़ोल्यिांवाली, मंगालिया, कुस्सर, आसपास के क्षेत्रों में ओले पड़ने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कई गाँवों में तो इतनी अधिक ओलावृष्टि हुई कि ऐसा लगा जैसे जमीन पर सफेद चादर ही बिछ गई हो। सरसा क्षेत्र जहां तेज बरसात हुई, वहीं चौपटा, ऐलनाबाद, कालांवाली, डबवाली में भी काफी बरसात हुई।

किसान बोले: हे ईश्वर! अब बस करो | Weather News

पिछले करीब एक सप्ताह से मौसम में हुए बड़े बदलाव ने किसानों की जान सांसत में डाल दी है। इस समय गेहूं की फसल अंतिम पड़ाव पर है तो वहीं सरसों की फसल का कटान व कढ़ान का कार्य चल रहा है। बरसात होने के कारण काटकर रखी गई सरसों की फसल पर काफी विपरीत असर पड़ा है। मौसम के आगे बेजार किसान ईश्वर से बस एक ही प्रार्थना कर रहे हैं कि हे ईश्वर! अब बस भी करो। नुहियांवाली के किसान लीलाधर जोशी, डॉ. जगदीश सहारण, दलीप नेहरा, जसराज सहारण, सुल्तान देमीवाल, चेतराम दादरवाल व सुनील सहारण आदि ने बताया कि बरसात व तेज हवाओं के कारण गेहूं की फसल चटाई की तरह बिछ गई है।

सीएम ने दिए हैं स्पेशल गिरदावरी के आदेश | Weather News

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि राज्य में हुई बरसात व ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान के आंकलन के लिए स्पेशल गिरदावरी करवाई जाएगी। वहीं उन्होंने नुकसान की जानकारी 72 घंटे में विभाग के क्षतिपूर्ति पोर्टल पर मेरी फसल-मेरा ब्योरा के साथ अपलोड करने के लिए कहा।

बालियों में दाने पड़ जाएंगे कमजोर व काले | Weather News

जो फसलें ओलावृष्टि की चपेट में आई हैं उनकी बालियां टूटने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। बालियों में दाने कमजोर व काले पड़ने के कारण गुणवता व उत्पादन पर काफी विपरीत असर पड़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक पिछले एक सप्ताह के अंतराल में (Sirsa) मौसम की मार से किसानों को करीब 50 प्रतिशत नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी। वैसे तो स्थिति सभी किसानों की खराब है, लेकिन उन किसानों की स्थिति काफी दयनीय देखी जा रही है, जिन्होंने ऊंचे दामों पर ठेके पर भूमि लेकर काश्त की हुई है।

ओलावृष्टि व बरसात से फसलों को तकरीबन को 40 से 50 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। किसान नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 72 घंटे के भीतर आवेदन करें। जिन किसानों की फसलों का बीमा हुआ है वे किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल पर 72 घंटे के भीतर ओलावृष्टि या जलभराव के कारण नुकसान का ब्योरा दें। ताकि बीमा कंपनी द्वारा निरीक्षण कर नुकसान की भरपाई की जा सके।
                                                                -रमेश सहु, सहायक तकनीक अधिकारी (कृषि विभाग ओढां)।

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