जिनके हर सुख-दुख का कार्य श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की पवित्र हजूरी में पूरा होता था, आज उन पर ही मढ़ दिये गए बेअदबी के आरोप

kotakpura

कोटकपूरा (डग्गोरोमाना)। श्री गुरू ग्रंथ साहब जी के प्रति हमारा विश्वास पहले भी था, अब भी है और आगे भी रहेगा। हमारा तो हर दुख-सुख का कार्य श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की पवित्र हजूरी में ही संपूर्ण होता था। जन्म से लेकर विवाह और मरणोंपरांत भी किसी भी मौके पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पाठ के भोग डाले जाते थे।

यह कहना है डेरा सच्चा सौदा के उन श्रद्धालुओं के परिवारिक सदस्यों का, जिनको पंजाब पुलिस ने बरगाड़ी में घटी बेअदबी की घटनाओं में आरोपी बनाया है। परिवारिक सदस्यों ने बताया कि जो बच्चे गुरू घरों में बड़े हुए, वह बेअदबी के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते। हमारे तो सभी सदस्य पवित्र गुरुद्वारों में अभी भी श्रद्धा से जाते हैं।

बेअदबी मामलों में आरोपी बनाए गए शक्ति सिंह निवासी गांव डग्गोरोमाना जिला फरीदकोट का विवाह सन् 2006 चक्क मोदले वाला जिला श्री मुक्तसर साहिब में हुआ। विवाह मौके आनंद कारज उसी गांव के श्री गुरुद्वारा साहिब में संपूर्ण हुए। शक्ति का जब जन्म हुआ तब घर में पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पाठ करवाया गया। शक्ति सिंह के बड़े भाई रवीन्द्र सिंह का विवाह गांव चूहड़ चक्क जिला मोगा में हुआ। रवीन्द्र के आनंद कारज भी चूहड़ चक्क के श्री गुरुद्वारा साहिब में संपूर्ण हुए। इतना ही नहीं सन् 2014 में शक्ति सिंह के दादा अजीत सिंह का देहांत हो गया तो गांव के श्री गुरुद्वारा साहिब में पाठ का भोग पाया गया एवं अंतिम अरदास की गई।

सन् 2011 में शक्ति सिंह की दादी पंजाब कौर के देहांत पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पाठ का भोग पाया गया। शक्ति सिंह के भाई रवीन्द्र ने बताया कि उनका परिवार गांव के श्री गुरुद्वारा साहिब के लिए जो भी सेवा उनके हिस्से आती है वह पूरी श्रद्धा से निभाते हैं। श्री गुरुद्वारा साहिब की दो समितियों की ओर से हाड़ी, सावनी की फसल में जो सहयोग मांगा जाता है, उनका परिवार देता है। श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के प्रति श्रद्धा भावना की यही मिसाल निशान सिंह के परिवार से भी मिलती है। निशान सिंह का विवाह सन् 1997 में गांव नवां किला, जिला फरीदकोट में हुआ।

निशान सिंह के विवाह की रस्म भी श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की पावन हजूरी में आनंद कारज के साथ हुई। कोटकपूरा में जब निशान सिंह के पिता ने नया घर बनाया तब मकान बनाने की खुशी में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी का अखंड पाठ रखवाया गया। निशान सिंह के दादा गुरमेल सिंह के देहांत होने पर परिवारिक सदस्यों ने अखंड पाठ रखवाकर अंतिम अरदास करवाई। परिवार ने यह भी बताया कि निशान सिंह के बेटे अमृत सिंह का आनंद कारज भी श्री गुरूद्वारा साहिब माता दया कौर गांव संधवा में हुए।

 

 

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