वाह! कर्मचारियों ने बदल डाली वाटर वर्क्स व बिजलीघर की सूरत

Water Works and Power Plants sachkahoon

कर्मचारियों के हौंसले की ग्रामीणों ने की प्रशंसा

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाए तो मिलकर जोर लगाना…गाने की सार्थकता को गांव रिसालियाखेड़ा के वाटर वर्क्स व बिजली घर (Water Works and Power Plants) के कर्मचारियों ने सही साबित कर दिखाया है। कर्मचारियों के हौंसले की ग्रामीणों ने भी प्रशंसा की और दूसरे लोगों को भी इनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया। गांव में स्थित गौशाला के पूर्व प्रधान अमीलाल पारीक ने बताया कि गांव में स्थित वाटर वर्क्स व बिजली घर की हालत खस्ता थी।

वाटर वर्क्स व बिजली घर में झाड़-झंखाड़ के कारण लोगों का आवागमन कम था। ग्रामीणों द्वारा समस्या को लेकर कई बार मीटिंग कर रणनीति बनाई गई, लेकिन बातचीत प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ पाई। इसके बाद वाटर वर्क्स व बिजली घर के कर्मचारियों ने मिलकर निर्णय लिया कि वे अपने स्तर पर ही इस कार्य को अंजाम तक लेकर जाएंगे।

कर्मचारियों की मेहनत: जो देखे बस देखता रह जाए

वाटरवर्क्स के कर्मचारियों राजेश, मोनू पारीक, अजय चीनिया, सोनू रत्ताखेड़ा, रामचंद्र, राकेश गोरीवाला, रामस्वरूप ने मिलकर वाटर वर्क्स की काया पलटकर रख दी। इन कर्मचारियों ने यहां पेड़-पौधे ही नहीं लगाए, बल्कि उनकी देखभाल का जिम्मा भी स्वयं उठाया। इसके साथ-साथ वाटर वर्क्स में पौधों में पानी डालने के लिए नालियां बनाकर व र्इंटों पर सफेदी पोतकर वाटर वर्क्स के सौंदर्यकरण में अपनी महत्ती भूमिका निभाई। बिजलीघर के कर्मचारियों संदीप, श्यामसुंदर एसए, संजय सोडा, सुभाष भूना, केवल एसए, वीरभान, एकता, सुरेंद्र सुथार ने मिलकर बिजली घर के सौंदर्यकरण का जिम्मा उठाया।

बिजली घर में घूमने आते हैं लोग

अहम बात यह है कि कल तक जिस बिजली घर में लोग जाने से कतराते थे, आज उसी बिजली घर में लोग घूमने के लिए जाते हंै। इन कर्मचारियों ने अपनी मेहनत से खाली पड़ी जगह को पार्क का रूप देकर और हरे-भरे वृक्ष लगाकर वातावरण को खुशनुमा बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

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