मासूमों की जान पर भारी न पड़ जाएं ये स्कूल

Government schools of Bhanakpur and Shahpur Khurd villages of Ballabhgarh block

समस्या। भनकपुर व शाहपुर खुर्द गाँव में जर्जर हुए शिक्षा के मंदिर

  • शिकायतों के बावजूद अधिकारी नहीं द रहे ध्यान

राजेंद्र दहिया/सच कहूँ फरीदाबाद (सच कहूँ न्यूज)। बल्लभगढ़ खंड के गाँव भनकपुर और शाहपुर खुर्द के सरकारी स्कूल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चे व पढ़ाने वाले अध्यापक भी भय के साए में रहते हैं कि न जाने कब जर्जर हाल बिल्डिंग हादसे का कारण बन जाए। लेकिन प्रशासन एक के बाद एक शिकायतों के बावजूद आँखें मूंदे बैठा है।  भनकपुर गाँव के स्कूल के वाइस प्रिंसिपल विवेक सिंह ने कहा कि कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। वर्ष 2014 से इस स्कूल में पढ़ाने आ रहे हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।

वहीं स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने बताया कि कक्षा में डर लगता है कि कहीं ऊपर ही न आ गिरे। वहीं गाँव के सरपंच सचिन ने बताया कि कई बार शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी शिक्षा, पीडब्ल्यूडी एंड बीआर के अधिकारियों से की है, लेकिन कोई नहीं सुन रहा है। प्रशासन को अध्यापक और बच्चे सीधा जिम्मेदार मान रहे हैं। वहीं शाहपुर खुर्द गाँव में मिडल स्कूल है, जिसमें पुरानी इमारत बच्चों के लिए किसी दानव से कम नहीं है।

  • कभी भी यह पुराने खंडहरनुमा इमारत बच्चों की जान ले सकती है

हालांकि स्कूल के टीचर हमेशा यह ध्यान रखते हैं कि कोई बच्चा इमारत के पास से ना गुजरे। हेडमास्टर अनिल कुमार ने बताया कि लगातार 2 साल से वे इसकी शिकायत कर रहे हैं कि पुरानी इमारत को धराशाई किया जाए। ताकि कोई हादसा ना हो। यही नहीं पुरानी इमारत के साथ-साथ स्कूल की नई इमारत की हालत भी खराब हो गई है। स्कूल में दरारें आ गई हैं, बारिश में पानी आ जाता है, बच्चों की पढ़ाई बाधित हो जाती है। बल्लभगढ़ खंड शिक्षा अधिकारी के अधीन आने वाले स्कूलों में राम भरोसे ही बच्चे पढ़ रहे हैं। कब कोई बड़ा हादसा हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। शिकायतों के बावजूद भी प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

  • क्या कहती हैं अधिकारी

बल्लभगढ़ की खंड शिक्षा अधिकारी प्रेमलता वोहरा ने कहा कि दोनों स्कूल की इमारत खराब घोषित करने के लिए ऊपर पत्र भेज दिया गया है, जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा। उनके खंड में करीब 19 स्कूलों की हालत जर्जर है, जिनकी सूची उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों को भेज दी है।

 

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