हरेंद्र व भीम के नगाड़ा/बांसुरी की धुनों पर झूम रहे पर्यटक

देश के अलग-अलग राज्यों में कर चुके प्रतिभा का प्रदर्शन

  • 36वां सूरजकुंड मेला

सूरजकुंड। (सच कहूँ/राजेंद्र दहिया/मोहन सिंह) 36वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट्स मेले में जिला पलवल के ऐतिहासिक गाँव बनचारी से आए हरेन्द्र व भीम सिंह की नगाड़ा पार्टियों ने अपनी कला से मेले में आने वाले पर्यटकों को खूब भा रही है। दर्शक इन कलाकारों की नगाड़े की थाप एवं बांसुरी की धुन पर झूमने को मजबूर हो जाते हैं। रोजाना भारी संख्या में पर्यटक वहां एकत्रित होकर जुगलबंदी के साथ मस्ती में नाचते हैं। बनचारी से आए हरेन्द्र की पार्टी पिछले पांच सालों से इस अन्तर्राष्ट्रीय क्राफ्ट्स मेले में अपनी कला का प्रदर्शन कर रही है।

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भीम सिंह ने बताया कि सूरजकुंड क्राफ्ट्स मेले में पिछले 20 सालों से लगातार वह और उनकी पार्टी के सदस्य नगाड़ा एवं बीन की तान, झांज एवं ढप बजाकर पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि वह और उनकी पार्टी देश के विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान में भी सैकड़ों स्थानों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।

गोहाना की डांस पार्टी ने मोहा मन

अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेला में सोनीपत के गोहाना से आई राजकुमार एंड प्रेम सिंह गनोता डांस पार्टी के कलाकार भी आने-जाने वाले राहगीरों को नाचने के लिए लालायित कर रहे हैं। इस डांस पार्टी में दो बीनवादक, दो चिंता वादक, दो ढोल वादक सहित दो महिलाएं शामिल हैं। राजकुमार बताते हैं कि उनका यह खानदानी काम है, जो वे सदियों से करते आ रहे हैं। उन्होंने सन् 1982 से दादा लखमी चंद, दादा मांगे राम की पार्टी में भी काम किया है। इसमें दो ढोल, झांझ, खंजरी, खड़ताल, चिमटा आदि साज की धुन सुनकर विदेशी मेहमान झूमने लगते हैं व नाचना शुरू कर देते हैं।

छोटी चौपाल पर लोक नृत्यों ने मोह लिया मन

अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में छोटी चौपाल पर भारत के विभिन्न प्रान्तों से आए मशहूर कलाकारों ने दर्शकों का अपनी गायन एवं नृत्य कला से मन मोह लिया व उन्हें झूमने पर विवश कर दिया। हिमाचल प्रदेश के कलाकारों ने ‘सिर मोरी’ नाटी लोक नृत्य मीना आया भोजोरा पर अपनी सुन्दर प्रस्तुति दी। यह लोक नृत्य उनके शादी-विवाह व आपसी भाईचारा बनाए रखने पर महिला और पुरुष मिलकर नृत्य करते हैं।

हरियाणा के जिला यमुनानगर से आए रविन्द्र एंड पार्टी द्वारा हरियाणवी लोक नृत्य ‘झूमे-नाचे आई जिंदगी में बहार’ तथा ‘उडें प्यार के रंग पिया’ गीतों पर अपना नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे वहां उपस्थित सैकड़ों दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। पड़ोसी राज्य राजस्थान से आए सन्ना नाथ एवं उनकी पार्टी ने राजस्थान का मशहूर लोक नृत्य ‘कालबेलिया’ गीत कारो कूद पडों मेला में साइकिल पंचर कर लायो एवं मैं तो हुआ तेरा दीवाना पर नृत्य दर्शकों को पेश किया। जो दर्शकों के मन को खूब भाया। देश के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित राज्य आंद्र प्रदेश के कलाकारों ने लम्बादी लोक नृत्य ‘ओले ओले जिमीडारूरा’ सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे छोटी चौपाल तालियों कि गड़गड़ाहट से झूम उठी। कार्यक्रम में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग से रेणुका हुड्डा व डॉ. दीपिका उपस्थित रहीं।

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