काबुल में फंसे 40 भारतीय, एक बुजुर्ग सिख ने कहा-भारत सरकार जल्द हमें वीजा दें और यहां से निकाले

काबुल (एजेंसी)। अफगानिस्तान के काबुल में फंसे 40 भारतीयों के एक समूह ने भारत सरकार से वीजा देकर उनकी मदद करने और उन्हें निकालने की अपील की है। इन फंसे हुए भारतीयों में से अधिकतर सिखों ने एक वीडियो संदेश में कहा कि काबुल में 40 भारतीयों का एक समूह है और वे सभी भारत लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम भारत सरकार से हम सभी को यहां से निकालने की गुहार लगाते हैं। अफगानिस्तान के हालात सभी जानते हैं, दुनिया जानती है कि यहां पिछले दो महीने से क्या हालात हैं।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। एक बुजुर्ग सिख ने कहा वे दिल्ली से अफगानिस्तान नियमित काम करने या फिर छोटी दुकानदारी करने के लिए यहां आते हैं। उसने कहा, ‘हमारा 40 लोगों का एक समूह है जो दिल्ली से अफगानिस्तान में काम करने, नौकरी और दुकानदारी कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। हमारा परिवार और छोटे-छोटे बच्चे दिल्ली में हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा,‘हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह हमें वीजा दिलाने में मदद करे ताकि हम अपने बच्चों के साथ रहने के लिए भारत पहुंच सकें। कृपया हमें वीजा देकर हमारी मदद करें।

अफगानिस्तान में पत्रकारों पर हमले जारी

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा जमाने के बाद पत्रकारों के खिलाफ हमलों की घटनाएं बढ़ गई हैं। द अफगानिस्तान नेशनल जर्नलिस्ट यूनियन ने कहा कि 15 अगस्त से 30 से अधिक ऐसे मामलों की सूचना मिली है, जिनमें से 90 फीसदी हमले सरकारी सेनाओं की ओर से किए गए हैं। अफगानिस्तान नेशनल जर्नलिस्ट यूनियन के प्रमुख मसरूर लुफ्ती ने कहा कि 90 फीसदी हमलों को तालिबान के अधीन सुरक्षा बलों द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। अन्य हमले अज्ञात व्यक्तियों द्वारा किए गए हैं।

उन्होंने कहा, ”देश में पत्रकारों की स्थिति का पता लगाने के लिए द अफगानिस्तान नेशनल जर्नलिस्ट यूनियन की तरफ से एक समीक्षा की गई थी और नतीजे में पाया गया कि पत्रकारों के खिलाफ 30 से अधिक हमले हुए हैं। इनमें से 90 फीसदी मामले तालिबान से संबंधित हैं।” टोलो न्यूज के मुताबिक, अफगानिस्तान में मीडिया के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उस पर पत्रकार समुदाय ने गहरी चिंता व्यक्त की है और इस्लामिक अमीरात से देश में पत्रकारों को व्यावहारिक जानकारी तक पहुंचने का एक तरीका सुझाने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान किया है।

 

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