डेढ़ वर्ष में सिर्फ 24 बैठक, विस में कम बैठकों का रिकॉर्ड बना रही ‘आप सरकार’

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मानसून खत्म हुआ लेकिन मानसून सैशन पर विचार तक नहीं कर रही सरकार

विपक्ष में होते हुए 40 बैठकें हर साल करवाने की मांंग करती आ रही थी ‘आप’ पार्टी

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चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। विपक्ष में रहते हुए सिर्फ डेढ़ वर्ष पहले तक विधानसभा (Assembly) में हर साल कम से कम 40 बैठकें करवाने की मांग करने वाली आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आते ही पूर्व सरकारों के दौरान करवाई गई विधानसभा की कम बैठकों के रिकॉर्ड ही तोड़ने शुरू कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी की इस 18 महीने की सरकार के दौरान केवल 24 बैठकें ही हो पाई हैं, जिसमें भी 2 दिन का स्पैशल सैशन शामिल है, जिसमें कोई भी विधायक अपने विधानसभा हलके की मुश्किल विधानसभा में उठा नहीं पाया है और न ही सरकार से कोई भी सवाल पूछने की इजाजत दी गई थी। Chandigarh News

वहीं अब मानसून सैशन बुलाने के लिए भी आम आदमी पार्टी की सरकार विचार नहीं कर रही है, जबकि मानसून की ऋतु भी खत्म हो गई है। आम आदमी पार्टी की सरकार में कम विधानसभा की बैठकों के बारे में कोई भी मौजूदा मंत्री बोलने को तैयार नहीं है और हर कोई इस सवाल से ही पीछे हटता नजर आ रहा है। जानकारी के अनुसार पंजाब विधानसभा के पवित्र सदन को पंजाब की सबसे बड़ी पंचायत के रूप में भी माना जाता है क्योंकि यहां ही पंजाब के सभी विधायक बैठते हुए पंजाब के लोगों को आने वाली मुश्किलों का हल निकालने की कोशिश करते हैं और आम लोगों की सुविधा व क्राईम को रोकने के लिए कानून तक बनाए जाते हैं। Chandigarh News

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विधानसभा में हमेशा ही हर मुद्दे पर लम्बी बहस के बाद फैसले किए जाते हैं ताकि इसका फायदा पंजाब की जनता को मिले, लेकिन पिछले 2 दशक से पंजाब विधानसभा में बैठकों को लेकर मौके की सरकारों में कम ही रुझान रहा है। किसी समय 60 बैठकों तक हर साल करने वाली विधानसभा अब पिछले 2 दशक से हर साल 20 से 22 तक ही सीमित होती नजर आ रही है। पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान भी कम बैठकों का दौर रहा और 20 से भी कम बैठकें एक साल में कांग्रेस सरकार द्वारा की गई थीं।

कांग्रेस सरकार दौरान आम आदमी पार्टी विपक्ष में बैठते हुए हर साल कम से कम 40 बैठकें करने की मांग करती आ रही थी ताकि अधिक से अधिक पंजाब के मसले सुलझाए जा सकें लेकिन मार्च 2022 में सत्ता पर काबिज होने के बाद आम आदमी पार्टी द्वारा विधानसभा बैठकों को अपनी मांग अनुसार 40 बैठकें किए जाने की जगह पिछले ही रिकॉर्ड तोड़ने शुरू कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा अपने 18 महीने के कार्यकाल दौरान कुल 24 ही बैठकें की गई हैं, जिसमें बीते महीने हुए 2 दिन के स्पैशल सैशन को भी शामिल किया गया है, जिस दौरान किसी भी विधायक को सवाल पूछने

या फिर अपनी बात जीरो काल में रखने का अधिकार नहीं था। इसके साथ ही इन 24 बैठकों में 4 से अधिक बैठकों को श्रद्धांजलि देते हुए समाप्त किया गया है। इस हिसाब से 24 बैठकों में सिर्फ 17 से 18 बैठकों में ही विधायकों को अपना सवाल पूछने और प्रदेश की जनता की बात रखने का मौका मिला है। विधानसभा के इतिहास में अब और भी ज्यादा कम बैठकें करने का दौर शुरू हो गया है, जोकि पंजाब में लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। Chandigarh News

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