खून से लिखा-रद्द किए जाएं तीनों कृषि कानून

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सवाल। अगर बिल किसानों के हित में हैं, तो फिर सड़कों पर क्यों आना पड़ा (Letter written by Blood)

  • युवा कल्याण संगठन ने राष्ट्रपति के नाम भेजा पत्र

भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने की मांग करते हुए युवा कल्याण संगठन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खून से पत्र लिखा है। राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखते हुए युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि किसान ने इस देश की नींव रखी है और वो दिनभर इस देश के लिए काम करते हैं। ये बिल किसान विरोधी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये बिल किसानों के हित में हैं, अगर ये बिल किसानों के हित में है, तो फिर किसान सड़कों पर क्यों हैं? कमल प्रधान ने कहा कि इन बिलों का उद्देश्य हिंदुस्तान की कृषि व्यवस्था को गिने चुने उद्योगपतियों के हवाले करने का है। उन्होंने कहा कि किसान की शक्ति के सामने कोई नहीं टिक सकता।

  • भाजपा सरकार को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि किसान डर जाएंगे, पीछे हट जाएंगे।
  • बिलों के रद्द होने तक किसान न डरेगा और न ही पीछे हटेगा।
  • कमल सिंह ने महामहिम राष्ट्रपति से मांग की कि वे इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप कर इन तीनों कानूनों को रद्द करवाये।
  • इस अवसर पर एमसी बलवान सिंह, देशमुख दादरवाल, सुमित भट्ट, अजमेर खासा,
  • मुकेश शर्मा ढाणीमाहु, अमित अत्री कुडल, रवि मित्तल ढिगावा मंडी,
  • अविनाश सिंंगला, दीपेंद्र, सुरेंद्र टिटाणी, प्रदीप, अनिल शेषमा,
  • गिरवर राठौर, अशोक मलिक, सुभाष यादव, जितेंद्र भोलू, महाबीर,
  • सत्यवीर, अशोक, मोनू, अजय सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।

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