Ashok Gehlot: विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ने मानी हार

Ashok Gehlot
विकास और कानून व्यवस्था के निर्णय केंद्र सरकार करेगी

Ashok Gehlot: जयपुर (सच कहूं न्यूज/गुरजंट धालीवाल)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जिस तरह से प्रदेश भाजपा के नेताओं को दरकिनार कर केंद्र के नेताओं ने प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की कमान हाथ में ली है उससे चुनाव से पहले ही उनके हार मानने के संकेत हैं। प्रदेश में एक भी भाजपा (BJP) नेता इस लायक नहीं है कि उसको सामने रखकर चुनाव में उतर सके। प्रदेश स्तरीय नेताओं की काबिलियत पर यह सवाल खड़े करता है। चुनाव में जनता इनसे सवाल करेगी कि राजस्थान के फैसले क्या दिल्ली में बैठकर किए जाएंगे। Ashok Gehlot

विकास और कानून व्यवस्था के निर्णय केंद्र सरकार करेगी | Ashok Gehlot

प्रदेश के विकास और कानून व्यवस्था के निर्णय केंद्र सरकार करेगी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए गहलोत ने भाजपा को लफ्फाजों की पार्टी का खिताब दे दिया। उन्होंने कहा कि यह लोग केवल झूठ बोलते हैं और इस काम में इनको महारत हासिल है। इनका पन्ना प्रमुख केवल पन्नों में ही है। इनकी ना कोई बूथ लेवल कमिटी है और न हीं कोई पन्ना प्रमुख केवल मीडिया के माध्यम से हव्वा खड़ा करते हैं। धरातल पर इनका संगठन बिखरा हुआ है। Rajasthan News

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार की योजनाओं की चर्चा पूरे देश में है और दूसरे प्रांतों में इन योजनाओं को अपने घोषणा पत्रों और चुनाव अभियान में शामिल किया जा रहा है, यह हमारी सबसे बड़ी जीत है। गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में जनता माई बाप होती है उसका निर्णय शिरोधार्य होता है, जनता समझदार है और सब देख रही है वह अच्छी तरह जानती है कि कौन उनके भले की बात कर रहा है और कौन लफ्फाजी। Jaipur News

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को संजीवनी घोटाले में आरोपी बताने पर हुए मानहानि के मुकदमे की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे जेल जाने से अगर लोगों का पैसा वापस मिलता है तो मुझे मंजूर है। अशोक गहलोत ने कहा कि जिन लोगों का पैसा डूबा वे मेरे पास आए तो मेरी आंखों में आंसू आ गए। इस घोटाले में गरीब लोगों के खून पसीने की कमाई डूब गई। शेखावत अगर सच्चे हैं तो उन्हें इन लोगों के पैसे वापस दिलाने में मदद करनी चाहिए। अगर वे निष्कलंक हैं तो उन्होंने हाईकोर्ट से जमानत क्यों ली, उन्हें किस बात का डर था। गहलोत ने कहा कि हाईकोर्ट से जमानत लेना इस बात का प्रमाण है कि दाल में कुछ काला है।

”जिताऊ को ही कांग्रेस का टिकट”

कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की पहली बैठक कांग्रेस पार्टी के वॉर रूम में प्रदेश प्रभारी की अध्यक्षता में हुई। मीटिंग में टिकटों के पैनल बनाने, फीडबैक लेने और नाम स्क्रीनिंग कमेटी में भेजने के क्राइटेरिया पर मंथन किया गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव में युवाओं को अहमियत दिए जाने और बुजुर्गों को टिकट नहीं दिए जाने के सवाल पर कहा कि टिकट वितरण में केवल जिताऊ को ही देखा जाएगा। यही सबसे बड़ा क्राइटेरिया होगा। मुख्यमंत्री ने कहा- कर्नाटक चुनाव में आपने देखा होगा, 90 साल के युवा को भी टिकट दिया गया था, चुनाव जीतकर आया। इसलिए जो जीत सकता है, उसको ही टिकट दिया जाएगा।

गहलोत के इस बयान से साफ है कि उदयपुर घोषणापत्र का पालन टिकटों में नहीं होगा। आगामी विधानसभा चुनाव में युवाओं को टिकटों में प्राथमिकता देने की जगह जिताऊ का मापदंड रहेगा। अशोक गहलोत ने कहा कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी और जिला कांग्रेस कमेटी के माध्यम से कार्यकर्ता की भावना पहुंच जाती है। राहुल गांधी बार-बार कहते हैं कि जहां संभव हो, वहां पर स्थानीय निकाय और पंचायती राज के प्रधान, प्रमुख, जिला परिषद मेंबर, पंचायत समिति मेंबर या पार्षद हैं, वे भी टिकट के लिए क्लेम कर सकते हैं। उनको अवसर मिलेंगे। जिनके जीतने की संभावना होगी, उसको प्रायोरिटी दी जाएगी। जो राहुल गांधी ने कहा है, वही भावना चुनाव में आगे बढ़ेगी।

वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 21 से 23 अगस्त तक ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में बैठक होगी। इन कमेटियों में प्राप्त आवेदनों को 24 अगस्त की बैठक में रखा जाएगा। 25 अगस्त से प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य जिलों में जाकर टिकट के दावेदारों पर फीडबैक लेंगे। फिर कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा पांच दावेदारों का पैनल बनाया जाएगा। Ashok Gehlot

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