बिजली संकट के खिलाफ भाजपा प्रदेश भर के जीएसएस पर आज करेगी धरना प्रदर्शन

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Jaipur News: जयपुर (सच कहूं न्यूज)। प्रदेश में गहराते बिजली संकट को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने विधानसभा में दंभ भरते हुए कहा था कि 23 हजार 309 मेगावाट बिजली के साथ राजस्थान बिजली में सरप्लस राज्य बन गया है। सरकार ने जनता को 100 यूनिट मुफ्त बिजली और फ्यूल सरचार्ज से मुक्त करने का वादा भी किया था। जबकि प्रदेश में आज हालात यह है कि शहरी क्षेत्र में 5 से 6 घंटे की बिजली कटौती और ग्रामीण क्षेत्रों में सात से नौ घंटे तक बिजली कटौती जारी है।

एक तरफ सारा बिजली तंत्र ठप्प हो गया, बिजली विभाग की सबसे मजबूत कडी कनिष्ठ अभियंता हडताल पर हैं। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि बिजली संकट गहराने के बाद सरकार ने कहा कि हम महंगी बिजली खरीदेंगे। पूर्व में भी सरकार ने खुद के थर्मल पावर प्लांट बंद करके महंगी बिजली खरीदी थी। जबकि राजस्थान में सरकार ने खुद के ह्यह्यसातह्णह्ण थर्मल पावर प्लांट हैं जिनकी क्षमता 2740 मेगावाट बिजली उत्पादन की है। इन सभी थर्मल पावर प्लांटों को कोयले की गुणवत्ता और रखरखाव के नाम पर बंद कर रखा है। गहलोत सरकार बिजली की कमी बताकर कोयले की कमी बताकर महंगी बिजली खरीदकर संस्थागत भ्रष्टाचार को अंजाम दे रही है। Jaipur News

गहलोत सरकार ने दावा किया था कि आम उपभोक्ता को सौ यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। लेकिन जनता के हाथ में बढे हुए बिल थमा दिये जाते हैं। प्रदेश में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हुई। साफ दिख रहा है कि सरकार की कथनी और करनी में मोटा फर्क है। प्रदेश में जारी बिजली संकट को लेकर गुरुवार से भाजपा शहरी क्षेत्र में एईएन कार्यालय और ग्रामीण क्षेत्र में जहां भी जीएसएस होंगे वहां काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन करेगी। जिन जगहों पर बिजली गुल होगी, वहां युवा मोर्चा लालटेन और कैंडिल मार्च करेगा।

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी कि दिसंबर 2022 तक के सभी पैडिंग कृषि आवेदन का निस्तारण करते हुए बिजली कनेक्शन जारी करेंगे। इसके लिए सरकार ने ट्रंकी प्रोजेक्ट बनाया जिसके तहत 2300 करोड का ट्रंकी प्रोजेक्ट बनाया था जिसमें एक लाख चार हजार बिजली कनेक्शन देने थे। यह प्रोजेक्ट भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया। यकायक ही 2300 करोड का प्रोजेक्ट 3900 करोड का प्रोजेक्ट कैसे बन गया। उसी प्रकार गहलोत सरकार ने विद्युत सुदृढीकरण के नाम पर टेलरमेट टेंडर करके अपनी चहेती एक दो कंपनियों को लाभ पहुंचाने का काम किया है। विद्युत सुदृढीकरण के नाम पर सरकार का असली चेहरा सामने आ चुका है। Jaipur News

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