बेटे ने पूरी की पिता की अंतिम इच्छा, फूलों से सजी गाड़ी में अंतिम सफर पर रुखस्त हो गए सुखदेव इन्सां

Body Donation
सुखदेव इन्सां सचखंडवासी को अंतिम विदाई देती साध-संगत।

गणमान्य लोगों ने शरीरदान को बताया कि सबसे बड़ा पुनित कार्य

ओढां (सच कहूँ/राजू)। एक वो समय था जब लोग शरीरदान तो क्या नेत्रदान करने से भी हिचकिचाते थे। ऐसे में इंसान के मृत शरीर के अभाव में मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) में जानवरों के मृत शरीरों पर शोध किया जाता था। जिसके बाद पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए बड़ी संख्या में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी आगे आए और प्रतिज्ञा पत्र भरते हुए ये प्रण लिया कि उनकी मृत देह इंसानियत हित में शोध कार्यांे हेतु दान कर दी जाए। इस मुहिम ने मेडिकल कॉलेजों की शोध की राह को ऐसा आसान बनाया कि मेडिकल कॉलेज डेरा सच्चा सौदा का आभार व्यक्त कर रहे हैं।

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शुक्रवार को शरीरदान (Body Donation) की इस मुहिम ‘अमर सेवा’ में एक नाम और शामिल हुआ ब्लॉक रोड़ी के गांव बडागुढ़ा निवासी सुखदेव इन्सां का। उनकी मृत देह को इलाही नारों के बीच फूलों से सजी गाड़ी में मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना कर दिया गया। 90 वर्षीय सुखदेव इन्सां पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। वे वीरवार रात्रि सचखंड जा विराजे। सुखदेव इन्सां ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से नाम शब्द लिया हुआ था।

पिता की अंतिम इच्छा को बेटे ने किया पूर्ण :-

सुखदेव इन्सां ने पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए मरणोपरांत शरीरदान (Body Donation) करने के लिए प्रतिज्ञा पत्र भरा था। उन्होंने अपने प्रतिज्ञा पत्र का स्मरण करवाते हुए कई बार कहा कि उनके मरणोपरांत उनकी मृत देह मेडिकल शोध कार्यांे हेतु दान कर दी जाए। जिसके बाद उनके बेटे जगसीर इन्सां ने अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा किया है। शुक्रवार को उनकी मृत देह मेडिकल शोध कार्यांे के लिए तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर मुरादाबाद को दान कर दी। सुखेदव इन्सां को गांव बडागुढ़ा के प्रथम शरीरदानी का गौरव प्राप्त हुआ।

फूलों से सजी गाड़ी में दी भावभीनी विदाई | (Body Donation)

सुखदेव इन्सां को अंतिम विदाई देने हेतु शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सदस्य, साध-संगत, गणमान्य लोग व काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। साध-संगत ने ‘सचखंडवासी सुखदेव इन्सां अमर रहे’ के नारे लगाकर व सैल्यूट कर उनकी मृत देह को फूलों से सजी गाड़ी में भावभीनी विदाई दी। बेटा-बेटी एक समान मुहिम के तहत उनकी अर्थी को कंधा उनकी बेटी बलवीर कौर इन्सां, जसवीर कौर इन्सां व परमजीत कौर तथा पौत्री अर्शदीप इन्सां व अमनदीप इन्सां ने दिया। साध-संगत ने सुखदेव इन्सां को बस स्टैंड से अंतिम विदाई दी। इस अवसर पर ग्राम सरपंच जगदीश सिंह, पूर्व सरपंच उत्तम सिंह इन्सां घुंकावाली, नंबरदार सर्वजीत सिंह व ब्लॉक प्रेमी सेवक पवन इन्सां सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

सुखदेव सिंह के परिजनों ने उनका शरीरदान कर अति उत्तम कार्य किया है। मरने के बाद तो शरीर को जला ही देना होता है। ऐसे में सुखदेव सिंह के परिजनों ने उच्च सोच अपनाते हुए समाज की परवाह किए बगैर एक महान कार्य किया है। समाज में ऐसे उदाहरण बहुत कम देखने क ो मिलते हैं। देह दान से न केवल मेडिकल के विद्यार्थियों को शिक्षा में मदद मिलेगी बल्कि समाज में भी जागृति आएगी। डेरा सच्चा सौदा की शरीरदान की ये मुहिम अति सराहनीय है।
मंजीत कौर सरां, चेयरमैन (ब्लॉक समिति बडागुढ़ा)।